काशी, महाकाल, हरिद्वार, ओंकारेश्वर, सोमनाथ समेत सभी ज्योतिर्लिंगों और बड़े शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ी है। काशी के विश्वनाथ मंदिर में बाबा के दर्शन के लिए पूरी रात भक्त लाइन में लगे रहे।
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आमतौर पर सुबह 4 बजे यह पट खुलते हैं। पट खुलने के बाद सुबह 4 बजे से 5 बजे तक भस्मारती हुई। जिन्हें पास मिले हुए थे, उन्होंने गर्भगृह के करीब गणेश मंडपम में बैठकर भस्मारती के दर्शन किए। जबकि, आम श्रद्धालुओं ने छत के रास्ते कार्तिक मंडपम से भस्मारती दर्शन किए।
19 फरवरी की रात तक गर्भगृह के कपाट खुले रहेंगे
महाकाल में 19 फरवरी की रात तक गर्भगृह के कपाट खुले रहेंगे। इस तरह यहां भक्त लगातार 44 घंटे तक दर्शन कर सकेंगे। शिवरात्रि( shivratri) के अगले दिन यानी 19 फरवरी को सुबह 11 बजे महाकाल का सेहरा उतारा जाएगा। उनके स्वर्ण आभूषण लॉकर में रखकर सील किए जाएंगे।
सुबह 6 बजे तक ही 2 लाख भक्त दर्शन कर चुके
काशी के विश्वनाथ मंदिर में बाबा के दर्शन के लिए पूरी रात भक्त लाइन में लगे रहे। वाराणसी पुलिस का दावा है कि सुबह 6 बजे तक ही 2 लाख भक्त दर्शन कर चुके हैं। ऐसा ही हाल उज्जैन में महाकाल का है। यहां भी सुबह 6 बजे तक करीब 35 हजार श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे।