महासमुंद। CRIME NEWS : जिले से एक ऐसा खबर आया है जहां पैसों की लालच और अवैध संबंध की हवस ने 28,30 साल पूराने रिश्ते को तबाह कर दिया। कातिल ने ऐसा खूनी खेल खेला कि चाकू से पत्नी पर कई वार कर हत्या कर दिया था. इस मामले को पुलिस को सुलझाने में दो साल लग गए। खून करने से पहले ऐसा रचा था षड्यंत्र, जिसे जानकर हो जायेंगे हैरान। चपरासी के पद पर पदस्थ, चेहरे से परिवारिक और सामाजिक दिखने वाला इंसान ने की हैवानियत की सभी हदें पार। घटना को अंजाम देने से पहले पत्नी का कराया,16 लाख का टर्म लाइफ इंश्योरेंस और खुद बना नामिनि। पत्नी का कातिल निकला पति। दो साल बाद सिटी कोतवाली पुलिस को सफलता मिली।
हम बात कर रहे हैं सिटी कोटवाली थाना क्षेत्र के ग्राम बम्हनी में हुए दो साल पहले हत्या कांड का। जहां 26 मार्च 2021 की शाम संतोषी यादव पति परमानंद यादव उम्र 45,46 साल की किसी अज्ञात व्यति ने शाम 7.30 बजे के लगभग हत्या कर दी थी। जिसकी रिपोर्ट सिटी कोतवाली में दर्ज कराई गई थी। दो साल पहले हुए इस घटना के सभी पहलुओं पर सिटी कोतवाली पुलिस ने जांच की लेकिन कातिल तक नहीं पहुंच पाई। बड़े ही चालाकी से कातिल पुलिस से बचने में कामयाब रहा।
महासमुंद पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ने मामले की छानबीन और कातिल को सलाखों के पीछे भेंजे की जिम्मेदारी अपने सबसे काबिल अधिकारी महासमुंद एसडीओपी मंजू लता बाज को दी थी। दो साल पुरानी हत्या कांड को सुलझाते हुए सिटी कोतवाली पुलिस ने संतोषी यादव के पति परमानंद यादव को गिरफ्तार कर हत्या का मामला 302 दर्ज कर रिमांड पर जेल भेजा जा रहा है।
महासमुंद पुलिस अधीक्षक ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 26 मार्च 2021 को ग्राम बम्हनी में मृतिका संतोषी बाई की हत्या उसके पति परमानंद यादव ने की थी। मृतिका का पति परमानंद यादव का किसी दूसरी महिला के साथ अवैध संबंध था। इसी बात को लेकर दोनों में विवाद चल रहा था। पति ने पत्नी को रास्ते से हटाने के लिए हत्या का सुनियोजित तरीके से प्लान कर हत्या कर दिया था। पत्नी की हत्या के पूर्व हत्यारे पति ने अपनी पत्नी के नाम दो, आठ लाख के टर्म लाइफ इंश्योरेंस कराया था। घटना को अंजाम देने के बाद हत्यारा पति दो माह बाद क्लेम करने इंश्योरेंस कंपनी भी गया था। पुलिस को जांच में यह भी जानकारी सामने आई कि आरोपी रोज अपने दफ्तर से निकल कर सबसे पहले अपनी प्रेमिका से मिलने जाता है। आरोपी चाहे कितना भी चालक क्यों ना हो एक ना एक दिन उसे उसके गुनाहों की सजा मिलती ही है। मामले को महासमुंद सिटी कोतवाली पुलिस ने आखिरकार दो साल बाद इस मामले को सुलझा लिया है।