दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शराब घोटाले के मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर भाजपा के वयोवृद्ध नेता शांता कुमार ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा मनीष सिसोदिया को ईमानदार और साफ सुथरी छवि वाला नेता बताते हुए जमकर तारीफ की है। उन्होंने विस्तार से लिखी एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘मनीष सिसोदिया साफ सुधरी छवि वाले शानदार काम करने वाले उप मुख्यमंत्री के रूप में प्रसिद्ध हुए, लेकिन आज वही जेल में बंद हैं।’ शांता कुमार ने कहा कि दोनों ओर से आरोप प्रत्यारोप लग रहे है। यह सोचना भी बहुत कठिन है कि बिना किसी अपराध के सीबीआई ने सिसोदिया को जेल में डाला।
शांता कुमार ने कहा कि सिसोदिया ने शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय काम किया और फिर भी वे करप्शन के मामले में जेल गए हैं। इससे यही निष्कर्ष निकलता है कि भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हो गई हैं कि सदाचार के स्टेशन से चलने वाली हर गाड़ी अब भ्रष्टाचार के स्टेशन पर पहुंच रही है। यही नहीं उन्होंने कहा कि निजी तौर पर तो मनीष सिसोदिया बेहद ईमानदार शख्स हैं, लेकिन पार्टी और चुनाव के लिए धन इक्टठा करने के लिए यह सब कुछ किया होगा। उन्होंने कहा कि यदि यही सच है तो देश को गंभीरता के साथ कुछ फैसले करने होंगे।
हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने केंद्र की भाजपा सरकार की नाक के नीचे राजधानी दिल्ली में भाजपा को बुरी तरह से हरा कर सरकार बनाई। पांच साल काम किया, लेकिन फिर दोबारा सरकार बनाई। 11 साल पहले भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन से जन्मी पार्टी की यह बहुत बड़ी उपलब्धि थी। भाजपा नेता ने कहा कि यह बात भी सोचने वाली है कि सिसोदिया के घर की तलाशी हुई और लॉकर भी खंगाले गए, लेकिन सीबीआई को जांच में कुछ भी नहीं मिला। कुल मिला कर उन पर आरोप यही है कि ऐसी शराब की नीति बनाई जिससे व्यापारियों को लाभ हुआ।
चुनावी प्रक्रिया पर उठाए सवाल, कहा- काले धन से हो रही फंडिंग
इससे यह नतीजा निकलता है कि सिसोदिया खुद तो ईमानदार हैं, लेकिन पार्टी और चुनाव के लिए धन इक्टठा करने के लिए यह सब कुछ किया होगा। उन्होंने कहा 75 साल की आजादी के बाद आज भारत वहां पहुंचा है जहां हमारा लोकतंत्र काले धन और झूठ से शुरू होता है। चुनाव पर खर्च होने वाले करोड़ों अरबों रुपया केवल काला धन होता है। पार्टियां बड़े बड़े व्यापारियों से धन लेती हैं। वे व्यापारी दान नही देते। सरकार की मदद से भ्रष्टाचार द्वारा अपना पैसा पूरा करते है।