नारायणपुर। CG NEWS : विगत दो वर्षो से कृषि विज्ञान केंद्र से जनजातीय उपयोजना अंतर्गत प्रशिक्षित एवं वित्तीय सहायता प्राप्त स्व-सहायता समूह की महिलाएं आगामी होली पर्व हेतु हर्बल गुलाल का निर्माण कर अतिरिक्त आय अर्जित कर के समुदाय में अपनी पहचान बना रही हैं, साथ ही दूसरों के लिए प्रेरणा बन रही है। इस क्रम में आज राधा कृष्ण स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा कलेक्टर अजीत वसन्त को हर्बल गुलाल तथा समूह द्वारा निर्मित किये गये अन्य सामग्री भेट किया गया। इस मौके पर कलेक्टर ने उन्हे प्रोत्साहित करके उनका उत्साह वर्धन किया। ज्ञात हो कि अभी तक इन महिलाओं द्वारा लगभग 2 क्विंटल गुलाल तैयार किया जा चुका है। जबकि ट्राइफेड रायपुर के आउटलेट में विक्रय हेतु 150 कि.ग्रा. गुलाल भेजा गया है।
पिछली होली में भी समूहों द्वारा 10 दिवस में 45 से 50 हजार का मुनाफा कमाया गया। इस प्रकार हर्बल गुलाल बनाकर महिलायें आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन का रास्ता प्रशस्त कर रही हैं। इस संबंध में महिला सदस्यों का कहना है कि धान फसल की कटाई के बाद उनके पास रोजगार के अन्य साधन उपलब्ध नही होने से वें घर में खाली रहती थी। कई महिलाओं के परिवार की जीविका श्रम पर निर्भर है लेकिन प्रतिदिन काम नहीं मिल पाता था। लेकिन अब धीरे-धीरे हालत बदल रहे है जिला प्रशासन भी गुलाल के विक्रय में सहयोग कर रहा है। महिलाओं ने आगे बतया कि कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा ग्राम पालकी की राधा कृष्ण स्व-सहायता समूह का चयन कर उन्हें गुलाल निर्माण की शुरू से अंत तक प्रक्रिया एवं निर्माण कार्य के दौरान उपयोग में लाई जाने वाली सामग्रियों एवं मशीनों के परिचालन व गुलाल के पैकेजिंग से लेकर मार्केटिंग के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रशिक्षित किया गया।
इसमें गुलाल बनाने के लिए अरारोट पाउडर के साथ प्राकृतिक रंगों के अर्क को मिलाया जाता है। चुकंदर से गुलाबी रंग, पालक भाजी से हरा रंग और हल्दी व गंेदा से पीला रंग बनाया जाता है। वहीं जिले में बड़ी मात्रा में पाए जाने वाले पलाश के फूलों से नारंगी रंग बनाया जा रहा है। महिलाओं का कहना है कि यह गुलाल चेहरे पर लगाने से त्वचा को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा बल्कि ठंडकता प्रदान करेगा। यह पूरी तरह से कैमिकल फ्री होने के साथ ही फूलों व सब्जियों से बने होने की वजह से यह त्वचा के लिए लाभदायक है। यह गुलाल शरीर के लिए पूर्णत हानि रहित एवं सभी उम्र के लोगो के उपयोग हेतु है।