रायपुर/बलरामपुर । कोरोना के संकट के चलते जहां एक तरफ ज्यादातर पुलिसकर्मी जोखिम उठाकर ईमानदारी से ड्यूटी कर रहे हैं तो कुछ ऐसे पुलिसकर्मी भी हैं, जिनके कारण पुलिस की छवि खराब हो रही है। जहां सूरजपुर में चेकपोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मियों के अमानवीय व्यवहार के चलते बीमार महिला की जान चली गई।
बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर ब्लॉक के गैना निवासी रामाधार पनिक की पत्नी बिहानि को रविवार को तेज बुखार था। परिजन उसे अंबिकापुर ले जा रहे थे। इस दौरान रेवटी चेक पोस्ट पर पुलिस ने परिजन से पास मांगा तो परिजन ने डॉक्टर की दी पर्ची दिखाई। लेकिन पुलिसकर्मी नहीं माने। इस दौरान लगभग एक घंटे महिला के परिजन पुलिसकर्मियों के सामने गिड़गिड़ाते रहे। इसके बाद घर लौटते समय गांव से करीब 10 किमी पहले महिला की मौत हो गई। तो ड्राइवर लाश छोड़कर भाग गया। लाश करीब एक घंटे सड़क पर पड़ी रही। परिजन किसी तरह ट्रैक्टर-ट्रॉली से शव घर ले गए।
सूरजपुर पुलिस को उसे नहीं रोकना चाहिए था : एसपी
बलरामपुर एसपी रामकृष्ण साहू ने कहा कि इसकी शिकायत मुझे मिली है। अगर पीड़ित की स्थिति नाजुक थी तो उसे सूरजपुर पुलिस द्वारा नहीं रोका जाना चाहिए था। हमने पीड़ित परिवार के पास शासकीय वाहन भेज कर लाश घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करवाई थी।
सीमाओं पर सूरजपुर पुलिस की इस तरह की शिकायतें आम
जबकि उनके पास हॉस्पिटल में इलाज की पर्ची थी। रेवटी पुलिस चेक पोस्ट में उनसे कहा गया कि पास दो अन्यथा अस्पताल नहीं जाने देंगे। परिजन काफी परेशान रहे। घंटों इंतजार करने के बाद पुलिस ने उन्हें वापस कर दिया। परिजन पीड़ित को लेकर वापस जा रहे थे। इसी दौरान मौत हो गई। जिसके बाद वाहन चालक भी उन्हें आधे रास्ते में उतार कर भाग निकला। जिले की सीमाओं पर सूरजपुर पुलिस की इस तरह की शिकायतें आम हैं। राहगीरों से पास नहीं होने के बाद उनसे पैसे की मांग कर जिले में प्रवेश दिया जाता है। ऐसी कई शिकायतें हैं।
धरमलाल कौशिक ने की जांच की मांग
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ विधायक शिवरतन शर्मा की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी का गठन कर दिया है। इस कमेटी में नारायण चंदेल और डाॅक्टर कृष्णमूर्ति बांधी भी शामिल किए गए हैं। कमेटी घटना स्थल का जायजा लेने के साथ मृतक महिला के परिजनों से भी मुलाकात करेगी और अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि यह बेहद ही शर्मनाक घटना है. इलाज के लिए जा रही महिला को बैरियर पर रोका जाना उचित नहीं है। उन्होंने मांग की है कि इस अमानवीय कृत्य करने वाले दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए। उन्होंने कहा कि इस मामले की जितनी निंदा की जाए वह कम है। इस घटना की निष्पक्ष जांच करते हुए दोषियों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। जांच अवधि के दौरान जिम्मेदार पुलिस कर्मियों को निलंबित भी किया जाना चाहिये। कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहयोग भी तत्काल दिया जाना चाहिए थे।
इन कर्मचारियों की ड्यूटी थी
एसपी ने बताया कि चेकपोस्ट में राजस्व विभाग के पटवारी, स्वास्थ्य विभाग के आरएचओ और चौकी प्रभारी की ड्यूटी थी। इसके अलावा अन्य पुलिस कर्मी भी थे।