ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। HELTH TIPS : आजकल खानपान से भी कई बीमारियां हो रही है। बीमारियों के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोग डाइट को लेकर अलर्ट हो गए हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल की बीमारियों के बढ़ने का एक कारण आपका कुकिंग ऑइल (Cooking Oil ) भी हो सकता हैं. हांलाकि, Cooking oil से ना केवल खाने का स्वाद बढ़ता है, बल्कि इसके इस्तेमाल से आपके खाने की पौष्टिकता भी बढ़ती है. लेकिन इसके लिए जरूरी हैं कि cooking oil का चुनाव बहुत सोच-समझकर करें. इन दिनों बाजार में इतने तरह के कुकिंग ऑयल हैं कि हमें समझ में नहीं आता कि कौन सा तेल हमारे लिए बेहतर होगा और कौन सा खराब. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ टिप्स जिनकी मदद से आप हेल्दी कुकिंग ऑइल का चुनाव कर पाएंगे. आइये जानते हैं इनके बारे में.
Cooking Oil खरीदने से पहले लेबल करें चेक
जब भी आप cooking oil खरीदने जाएं तो इसके लेबल को पहले ध्यान से पढ़ें. क्योंकि कुछ लोग बिना लेबल पढ़े ही कुकिंग ऑयल खरीद लेते हैं लेकिन ऐसा करना गलत है. दरअसल, कुछ कंपनियां कुकिंग ऑयल में मिलाई जाने वाली सामग्रियों और शुद्धता की जानकारी पैकेट के ऊपर ही बहुत छोटे अक्षरों में दे देती है, इसलिए हमेशा लेबल पढ़ने के बाद कुकिंग ऑयल खरीदें. कई लोग सहूलियत और बचत के लिहाज से एक बार में बहुत अधिक मात्रा में कुकिंग ऑयल खरीद तो लेते हैं, लेकिन ऐसा करना गलत है. दरअसल, कुकिंग ऑयल की भी एक्सपायरी डेट होती है. सील खुलने के बाद कुकिंग ऑयल को दो से तीन महीने में ही खत्म कर देना चाहिए. ध्यान रखें कि जब कुकिंग ऑयल खराब होने लगते हैं तो उनका स्वाद और रंग बदल जाता है.
स्मोक पॉइंट का रखें ध्यान
तेल का स्मोक पॉइंट वह होता है जिस पर वह गरम होने पर जलने लग जाता है और वह डीग्रेड हो जाता है. यह शरीर के लिए अच्छा नहीं होता. ऐसे में इस पॉइंट का भी ख्याल रखते हुए तेल खरीदना चाहिए. उदाहरण के लिए अगर आपको चीजें फ्राई करनी है तो इसके लिए हाई स्मोक पॉइंट वाला तेल बेस्ट रहेगा.
खाना बनाने में इस्तेमाल करें ये oil
खाना पकाने के लिए ऑलिव ऑयल, कनोला ऑयल, सरसों का तेल, सोयाबीन, सनफ्लावर, सैफ्लावर, राइस ब्रान का तेल अच्छा माना जाता है. सबसे अच्छा है तो यह हैं कि आप खाना बनाते वक्त एक चम्मच देसी घी एक चम्मच सरसों का तेल और एक चम्मच सनफ्लार ऑयल मिक्स करके इस्तेमाल करें. इसी का नया फॉर्म है आजकल मार्केट में मिलने वाले ब्लैंडेड ऑयल।