ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। BREAKING NEWS : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को मोदी सरनेम वाले केस में सूरत सेशंस कोर्ट ने गुरुवार को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद दो मिनट के भीतर राहुल गांधी को दो साल की सजा सुना दी। हालांकि कोर्ट ने सजा पर 30 दिन की रोक लगाते हुए उन्हें तुरंत जमानत भी दे दी। राहुल गांधी को IPC की धारा 499 और 500 के तहत दोषी करार दिया गया है।
छत्तीसगढ़ के मुखिया सीएम बघेल ने कहा –
कहाँ आसान होता है ‘न्याय’ के लिए लड़ना.. हमारे पौराणिक ग्रंथ अन्याय पर न्याय की जीत का संदेश हैं, वही जीवनमार्ग है. देश की आज़ादी का संघर्ष भी उसी जीवनमार्ग से गुजरा है. आदरणीय राहुल गांधी जी का जीवनमार्ग भी वही है. तानाशाह सामने हैं तो क्या? जो वंचित हैं वे सब तो साथ हैं..
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा,
सूरत कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “हमें इसका अंदेशा था जिस तरह से वह लोग बार-बार उन्हें (Rahul Gandhi) बुला रहे थे. बीजेपी जब एक उंगली दूसरे पर उठाती है तो चार उंगलियां उसी की ओर उठती हैं. ”
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा
सूरत कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि डरी हुई सत्ता की पूरी मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर @RahulGandhi जी की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है. मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे.
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा
राहुल गांधी मामले में सूरत कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा है कि यह बहुत चिंता का विषय है कि आज अगर कोई मोदी सरनेम का नाम ले ले तो मानहानि हो जाती है।
कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा
कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “राहुल गांधी से यह सरकार डरती है. पीएम मोदी डरते हैं. राहुल गांधी की आवाज को दबाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है. चाहे यह सदन के अंदर हो या सदन के बाहर, इसलिए एक फर्जी मामला दर्ज करके राहुल गांधी को फंसाने की एक साजिश है. हमें पता था कि कई महीनों से यह साजिश हो रहा है ताकि राहुल गांधी के जो मेंबरशिप है सदन की, उसको खारिज करवाया जाए.”
क्या है पूरा मामला
दरअसल कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 2019 में कर्नाटक में एक रैली में बयान दिया था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? इस बयान के खिलाफ सूरत कोर्ट में मानहानि का केस दर्ज किया गया था। चुनावी रैली के दौरान मोदी सरनेम को लेकर बीजेपी के विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी पर मानहानि का दावा ठोका था. कोर्ट ने इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद 17 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था. जानिए क्या था यह पूरा मामला-
राहुल गांधी ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा- मैं राजकीय नेता हूं और इस नाते से भ्रष्टाचार का खुलासा करने के लिए मैंने यह बयान दिया था. मैंने जो कहा, वह मेरा फर्ज था. मैंने हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है. मेरा इरादा कभी गलत या किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था. हमें दया नहीं चाहिए. इसके बाद राहुल गांधी ने अपने बयान पर माफी मांगने से मना कर दिया।
राहुल गांधी ने पिछली सुनवाई में कोर्ट में कहा था कि वो खुद पर लगे आरोप से इनकार करते हैं. उन्होंने चुनावी रैली में ऐसा कहा था, ये उन्हें याद नहीं है. इस मामले मे राहुल गांधी के साथ-साथ कोर्ट ने दो और गवाह कर्नाटक के कोलार के तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी और भाषण रिकॉर्ड करने वाले निर्वाचन आयोग के वीडियो रिकॉर्डर के बयान दर्ज किए हैं, जिसके बाद राहुल गांधी से भी पूछताछ की गई थी.
कोर्ट के बाहर भारी सुरक्षाबल तैनात
राहुल गांधी इस मामले में फैसला सुनने के लिए चौथी बार कोर्ट में पेश हुए. इस दौरान उनकी सुरक्षा के लिए कोर्ट के भारी सुरक्षाबल तैनात रहा. बताया जा रहा है कि उनकी सुरक्षा में करीब 150 जवानों को तैनात किए गया था.
राहुल गांधी ने यह दिया था बयान
राहुल गांधी ने कर्नाटक में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?
इसके बाद बीजेपी विधायक ने मानहानि का केस करते हुए आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? उनके इस बयान से हमारी और समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची. पूर्णेश भूपेंद्र पटेल सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे. वे दिसंबर में सूरत से दोबारा विधायक चुने गए हैं.