रायपुर। छत्तीसगढ़ की धरती में कण कण में बसे हुए है भगवान श्री राम। जिनके बारे में ये मान्यता है कि वहां स्वयं श्रीराम के पांव पड़े थे । भगवान राम का छत्तीसगढ़ से गहरा नाता रहा है । एक तो ये उनका ननिहाल है। वो तमाम जगह..जहां राम के पांव पड़े थे, आज जीवंत तीर्थ में बदल गए हैं । छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पथ के अहम पड़ाव हैं, जिसका हम आपको साक्षात्कार कर रहे हैं।
शोध से पता चलता है की भगवान राम ,माता सीता और लक्ष्मण ने 12 चातुर्मास छत्तीसगढ़ के विभिन स्थलों में बिताये थे। भगवान राम ने छग में वर्त्तमान कोरिया जिले के सीतामढ़ी – हरचोका से प्रवेश किया था। जहा गुफानुमा 17 कक्ष है। इसी गुफा में रहकर श्री राम ने शिव की आराधना की थी। तटपर बने छटोड़ा पहुंचे ,जहां पहला चातुर्मास बिताया। रामगढ़ ,सोनहत ,अमृतधारा ,जटाशंकरी गुफा ,सरगुजा का सीताबेंगरा और जोगीमारा गुफा पहुंचे ,जहा दूसरा चातुर्मास बिताया।
ये है छत्तीसगढ़ के स्थल : कोरिया ,सरगुजा ,जशपुर ,जांजगीर -चंपा ,बिलासपुर ,पिलोरी ,बलोदाबाजार ,धमतरी ,गरियाबंद और भी कई स्थल शामिल है।