ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। CG NEWS : छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ बारात लेकर पहुंचे दूल्हे को बिना दुल्हन के ही वापस लौटना पड़ा। वजह दुल्हन नाबालिग थी। इसलिए बाल विवाह निषेध अधिकारी की टीम ने यह शादी ऐन वक्त पर रूकवा दी।
रिश्तेदार व पंडित पर भी कार्रवाई का है प्रावधान
ज्ञात हो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है। निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में बाल विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह करने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, विवाह कराने वाले पंडित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अधिनियम के तहत 2 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा 1 लाख के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है।
बाल विवाह संबंधी सूचना प्राप्त होते जिला कार्यक्रम अधिकारी अनीता अग्रवाल एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सूर्यकांत गुप्ता के मार्गदर्शन में पुलिस विभाग से समन्वय करते हुए बम्हनीडीह ब्लॉक के ग्राम पुछेली में बालिकाओं के घर जाकर बालिका के उम्र सत्यापन के लिए अंकसूची की 10 वी अंकसूची की जांच की गई। जिसमें 17 वर्ष 5 माह 5 दिन होना पाया गया।
बारात लेकर पहुंचे वर पक्ष वाले
इस दौरान दुल्हा बारात लेकर दुल्हन को लेने पहुंच चुका था। वरमाला की तैयारी चल रही थी। इस दौरान अधिकारी व पुलिस द्वारा दोनों पक्षों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया। साथ ही समझाईस के पश्चात सरपंच एवं स्थानीय लोगों की उपस्थिति में दोनों वर पक्ष तथा वधु पक्ष की सहमति से बालिका का विवाह रोका गया है।
दल में जिला बाल संरक्षण इकाई से जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजेंद्र सिंह जायसवाल, पुलिस विभाग से सहा उप निरीक्षक संतोष बंजारे, प्रधान आरक्षक ओम प्रकाश अजगल्ले, आरक्षक इंद्रजित सिंह कवंर थाना बम्हनीडीह शामिल थे। आज भी लोगों में जागरूकता का अभाव है। लगातार प्रचार-प्रसार किया जा रहा है फिर भी लोग है कि इसे हल्के में ले रहे हैं।