चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी और सीपीआई से नेशनल पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है।
इन तीनों पार्टियों का वोट शेयर देशभर में 6 प्रतिशत से कम हुआ है। इससे पहले BSP से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लिया गया था।
राष्ट्रीय पार्टियां अपना सिंबल या चुनाव चिन्ह देश भर में सुरक्षित
राष्ट्रीय पार्टियां अपना सिंबल या चुनाव चिन्ह देश भर में सुरक्षित कर सकती हैं। राष्ट्रीय पार्टियां चुनाव प्रचार में अधिकतम 40 स्टार प्रचारक रख सकती हैं साथ ही इनके यात्रा खर्च को उम्मीदवार के चुनाव खर्च में नहीं रखा जाता है। राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय पार्टियों को सब्सिडी दर पर पार्टी अध्यक्ष और पार्टी कार्यालय के लिए एक सरकारी बंगला किराए पर मिलता है। आम चुनावों के दौरान राष्ट्रीय पार्टियों को आकाशवाणी पर प्रसारण के लिए ब्रॉडकास्ट और टेलीकास्ट बैंड्स मिलते हैं।
शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की “राष्ट्रीय पार्टी” स्थिति की समीक्षा करेगी
बात दें कि पिछले ही महीने चुनाव आयोग ने कहा था कि वो शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की “राष्ट्रीय पार्टी” स्थिति की समीक्षा करेगी. आयोग ने एनसीपी के प्रतिनिधित्व पर सुनवाई करेगा, जिसमें उसके फैसले की समीक्षा की मांग की गई थी.सूत्रों ने बताया था कि एनसीपी अब राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे की आवश्यकता को पूरा नहीं करती है. एक राजनीतिक दल को “राष्ट्रीय पार्टी” के रूप में मान्यता दी जाती है, यदि उसके उम्मीदवार लोकसभा या विधानसभा चुनावों में चार या अधिक राज्यों में कम से कम 6 फीसद वोट हासिल करते हैं. इसके अलावा उसे कम से कम चार लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करनी होती है.