रायपुर। राजधानी में लाॅक डाउन को समाप्त हुए 24 घंटे से ज्यादा वक्त हो चुका है। शहरवासियों ने इसके साथ ही चैन की सांस भी लेनी शुरू कर दी थी कि उनके जरूरत की चीजें अब आसानी से और मूल कीमतों पर उन्हें उपलब्ध हो जाएंगी, लेकिन राजधानी में मुख विलास की चीजों की कालाबाजारी जिस चरम पर है, उसे विश्लेषित भी नहीं किया जा सकता।
READ THIS ALSO : एमआरपी से ज्यादा वसूल रहे दुकानदार… लूटे जा रहे उपभोक्तागण… अनलाॅक के बाद यह हालात
प्रदेश सरकार की अनुशंसा और अनुमति के बाद जिला प्रशासन ने शुक्रवार से लाॅक डाउन हटाने का फैसला लेते हुए कारोबार संचालित करने की अनुमति प्रदान कर दी है। भले ही सभी के लिए समय सीमा का प्रावधान किया गया है, लेकिन कलेक्टर डाॅ. एस भारतीदासन ने सभी व्यवसाय के लिए पर्याप्त समय दिया है। समय को लेकर राजधानी में पालन कराने जिला प्रशासन खुद भी सड़कों पर नजर आया, इसके बावजूद पान मसाला विक्रेताओं की कालाबाजारी धड़ल्ले से जारी है।
राजधानी के हर इलाके से इस तरह की शिकायतें आ रही हैं, कि मुख विलास केंद्रों में सभी तरह के सामान एमआरपी से ज्यादा कीमतों पर बेचा जा रहा है। एक ओर प्रतिबंधित तम्बाकू उत्पाद बेचे जा रहे हैं, तो उस पर कालाबाजारी भी की जा रही है। पूछे जाने पर यह कह दिया जाता है कि इसमें उनका कोई दोष नहीं है, सप्लाई करने वाले ही महंगा देकर जा रहे हैं, तो सप्लायरों का कहना है कि उनके स्टाॅकिस्ट जिस कीमत पर बेचने कहते हैं, उस पर बेचा जाता है।
कुल मिलाकर पान मसाला, तम्बाकू उत्पाद और सिगरेट के अलावा गुड़ाखू की आदत कहें या फिर शौक खुलेतौर पर लूट का शिकार हो रहे हैं। यदि कोई इनसे एमआरपी की बात करता है, तो दुकानदार उन ग्राहकों पर ऐसा चढ़ बैठता है, जैसे उस ग्राहक ने कोई गैरकानूनी बात कर दी हो।