प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ‘रोजगार मेला’ के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लगभग 71,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपा. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए लोगों को संबोधित भी किया.
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘आज 70 हजार से ज्यादा युवाओं को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में नौकरी मिली है। आप सभी युवाओं को… आपके परिजनों को बहुत-बहुत बधाई. हमारी सरकार विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए युवाओं की प्रतिभा और ऊर्जा को सही अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है. आज का नया भारत, अब जिस नई नीति और रणनाति पर चल रहा है, उसने देश में नई संभावनाओं और नए अवसरों के द्वार खोल दिए हैं.’
‘भारत को ब्राइट स्पॉट की तरह देख रही है दुनिया’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘NDA और बीजेपी शासित राज्यों में तेजी से रोजगार दिए जा रहे हैं. ये आज का रोजगार मेला भी इसी कड़ी में एक बड़ी सौगात है. पूरी दुनिया कोविड के बाद मंदी से जूझ रही है, ज्यादातर देशों की अर्थव्यवस्था गिर रही है, लेकिन इस सबके बीच भारत को दुनिया एक ब्राइट स्पॉट के तौर पर देख रही है.’
पीएम मोदी ने इस दौरान पिछली सरकारों पर हमला करते हुए कहा, ‘एक समय था जब भारत टेक्नोलॉजी हो या इंफ्रास्ट्रक्चर, सबमें रिएक्टिव अप्रोच के साथ काम करता था, लेकिन अब 2014 के बाद से प्रो-एक्टिव अप्रोच अपनाई है. इसका नतीजा ये हुआ कि 21वीं सदी का ये तीसरा दशक, रोजगार और स्वरोजगार वो अवसर पैदा कर रहा है, जिनकी पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी.’
पीएम मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘इस दौरान रोजगार के तमाम अवसर बन रहे हैं. स्टार्ट अप को लेकर भारतीय युवाओं में गजब का उत्साह है. इसके जरिये डायरेक्ट और इनडायरेक्ट तमाम तरीके से रोजगार के अवसर बने. ड्रोन इंडस्ट्री में देश आगे बढ़ रहा है. स्पोर्टस के क्षेत्र में भी बेहतर प्रदर्शन, खेल संबंधी बजट में बढ़ोतरी की गई है.’
पीएम मोदी ने गिनाए रोजगार के नए अवसर
प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही कहा, ‘8-9 सालों में भारत में 30 हजार एलएचबी कोच बने. इससे तमाम रोजगार के अवसर बने. खिलौना उत्पादन के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बन रहा है और आज स्वदेशी खिलौने बनाए जा रहे हैं. अब भारत में सैन्य हथियार बनेंगे, और भारतीय कंपनियों से ही खरीदे जाएंगे, इससे रोजगार के हजारों अवसर पैदा हुए.’
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 के समय ज्यादातर मोबाइल फोन इम्पोर्ट किए जाते थे. आज अगर 2014 से पहले वाली स्थिति होती तो करोड़ो रुपये फारेक्स में बर्बाद होते. आज भारत में मोबाइल बन रहे और हम बाहर एक्पोर्ट भी कर रहे हैं.