सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिलकिस बानो की उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उन्होंने गुजरात( gujarat) सरकार पर अपने मामले के दोषियों को समय से पहले रिहा करने का आरोप लगाया था।
जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की बेंच ने सुनवाई के दौरान सरकार से दोषियों की रिहाई का कारण पूछा। कोर्ट ने कहा- आज यह बिलकिस के साथ हुआ, कल किसी के साथ भी हो सकता है। कोर्ट ने केंद्र और गुजरात सरकार से कहा- दोषियों को समय से पहले रिहाई देने से जुड़ी फाइलें पेश करें। अगर आप दोषियों को रिहा करने की वजह नहीं बताते हैं तो हम अपना निष्कर्ष निकालेंगे।
15 अगस्त को रिहा हुए थे दोषी
2002 में हुए गोधरा कांड के दौरान बिलकिस बानो से रेप किया गया था और उसके परिवार के लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 11 लोगों को दोषी ठहराया गया था। पिछले साल 15 अगस्त को गुजरात सरकार ने सभी दोषियों को जेल से रिहा कर दिया।
TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने मामले के 11 दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के आदेश
इसके बाद बिलकिस बानो ने 30 नवंबर 2022 को इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए याचिका दायर की थी। इसके अलावा सामाजिक कार्यकर्ता सुभाषिनी अली और TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने मामले के 11 दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की थी।