रायपुर। एक उम्र के बाद बच्चे अक्सर बातें छिपाने लगते है, पेरेंट्स से झूठ बोलने लगते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है की पैरेंट्स नही समझेंगे,और यही वो उम्र होती है जब बच्चों के गलत रास्ते मे जाने का खतरा सबसे ज्यादा होता है, ऐसे में आपको जरूरत है उनका दोस्त बनकर उन्हें समझने की और दोस्त के तौर पर उन्हें सही और गलत समझाने की और सहीं दिशा दिखाने की। इसलिए जरूरी है कि आप अपने बच्चों के अच्छे दोस्त बनकर उनके साथ रहें,और अच्छी पेरेंटिंग के लिए आजमाएं ये टिप्स –
बच्चों को यक़ीन दिलाएं की आप हमेशा उनके साथ हैं-
गलतियां सबसे होती है, पर पेरेंट्स बच्चों के मामले में अक्सर ये बात भूल जाया करते हैं,और बच्चों को हर छोटी-बड़ी गलती पर डांट देते हैं या सज़ा दे देते हैं, और यही आदत बच्चों के मन में डर पैदा कर देती है,की उनसे कोई गलती हो जाए तो उनके माता-पिता क्या कहेंगे। उन्हें बताएं की गलतियां सबसे होती है,और सिचुएशन चाहे कैसी भी हो आप हमेशा उनके साथ रहेंगे।
कम्पेयर न करें –
माता-पिता अक्सर अपने बच्चों को दूसरे बच्चों से कम्पेयर करते रहते हैं, जिसका नतीजा यह होता है कि बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं और उनका आत्मविश्वास भी कमजोर होता है,इसलिए हमेशा अपने बच्चे को एनकरेज करें और उनका मनोबल बढ़ाएं।
बच्चों के साथ टाइम स्पेंड करें-
आजकल बिज़ी शेड्यूल के चलते पेरेंट्स अपने बच्चों के साथ टाइम नही स्पेंड कर पाते जिससे बच्चे अपने आप को अकेला समझने लगते हैं। तो अगली बार से कोशिश करें कि चाहे कितने ही बिजी क्यों न हो,बच्चों के लिये टाइम जरूर निकाले।
प्यार का अहसास कराते रहें-
प्यार तो हर मां- बाप अपने बच्चे से करते हैं,बस जरूरत है उन्हें फील कराने की, अपने छोटे-छोटे जेस्चर और गिफ्ट्स दे कर उन्हें स्पेशल फील कराएं।उन्हें बताएं की आप उनसे कितना प्यार करते हैं।
बच्चों पर विश्वास करना सीखें –
अपने बच्चों पर विश्वास करें, और उनको ये महसूस कराएं की आप उनपर पूरा भरोसा करते हैं। उनपर नज़र रखने से अच्छा उनको अपने साथ इतना सहज कर लें की वो खुद ही अपनी सारी बातें आप से शेयर करने में हिचकिचाये नहीं।
उनके रोल मॉडल बने –
आप अपने बच्चों में जो गुण चाहते हैं ,जो अनुशासन चाहते हैं , उसका स्वयं भी पालन करें ,क्योंकि बच्चे आपको देखकर ही सीखते हैं।