रायपुर । 2000 रु. के नोट को बंद करने के निर्णय को तुगलकी फरमान करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि नोटबंदी(demonetisation)के दौरान ही कांग्रेस ने कहा था कि 2000 रु का नोट छापना भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना है। भ्रष्टाचारियों को मदद करना है।
read more :CG NEWS : 10वीं की छात्रा ने की आत्महत्या, पेड़ पर फंसी के फंदे से लटकती मिली लाश
2000 रु. के नोट छापने और अभी बंद करने का निर्णय दोनों तुगलकी फरमान है जिसका खामियाजा आम जनता को ही भोगना पड़ेगा। मोदी सरकार के पास देश को चलाने के लिए ना तो कोई नीति है, ना ही इनकी कोई नियत है, बिना सोचे समझे बिना तैयारी के, की गई नोटबंदी से भ्रष्टाचारियों की कमर नहीं टूटी बल्कि देश की अर्थव्यवस्था(economy ) गर्त में चली गई। रोजी रोजगार के गंभीर संकट से देश आज भी जूझ रहा है। नगदी संकट अभी भी बना हुआ है, अब 2000 रु. का नोट बंद करने का निर्णय नोटबंदी
करोड़ों का घोटाला करने वाले जनता की गाढ़ी कमाई
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार का 2000 रु के नोट बदलने से भ्रष्टाचार खत्म होने का दावा खोखला और दिखावटी है। जब करोड़ों का घोटाला करने वाले जनता की गाढ़ी कमाई को लूटने वाले जिन पर मोदी सरकार भ्रष्टाचार के आरोप लगाती वो भ्रष्टाचारी भाजपा की सदस्यता ले लेते हैं तब वह भ्रष्टाचार से मुक्त हो जाते हैं। ऐसे में नोटबंदी कर 2000 के नोटों को बंद करके मोदी सरकार का भ्रष्टाचार को खत्म करने का दावा खोखला है। असल मायने में भाजपा ही भ्रष्टाचारियों की संरक्षक है। मोदी सरकार की मंशा भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही करना भ्रष्टाचार को रोकना नहीं है बल्कि आम जनता को नोट बंद कर परेशान करना है। भ्रष्टाचारियों और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए देश में बहुत सारे संस्थाएं हैं लेकिन उन संस्थाओं के हाथों को बांधकर मोदी सरकार रखी हुई है और सिर्फ विपक्षी दलों को कमजोर करने के लिए षड्यंत्र पूर्वक उसका उपयोग करती है।
मोदी(modi ) वन के बाद मोदी टू देश के लिए घातक साबित हो रही
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी वन के बाद मोदी टू देश के लिए घातक साबित हो रही हैं। मोदी वन में की गई नोटबंदी का असर अब तक बरकरार है। अब मोदी टू में 2000 रु. का नोटबंद करने का निर्णय भी आम जनता को सड़कों में भटकने बैंकों में लाइन लगने और नकदी संकट से जुझाने के लिए लिया गया फैसला साबित होगा है। नोटबंदी(demonetisation)के दौरान गुजरात के एक सहकारी बैंक में 35 प्रतिशत कमीशन लेकर नोटों की अदला-बदली का खेल चला है। अभी 2000 रु. रखने वाले भ्रष्टाचारियों के पैसे को भाजपा के नेता मोटी कमीशन लेकर अदला-बदली करेंगे और आम जनता गरीब, मजदूर दिहाड़ी ठेला, खोमचा वाले नगदी के लिए तरसेंगे।