मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज यहाँ शहीद गुण्डाधुर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र कुम्हरावंड जगदलपुर में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) के बस्तर संभाग स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला में शामिल हुए। रीपा के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को विभिन्न प्रकार की गतिविधियों एवं उत्पादन के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में इस पार्क की स्थापना की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रीपा के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजन किए जा रहे हैं। अब युवाओं को काम की तलाश में बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। योजनांतर्गत 2 करोड़ रूपए प्रति औद्योगिक पार्क के मान से राशि स्वीकृत की गई है। बस्तर संभाग के बस्तर, दन्तेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, कांकेर सुकमा एवं कोंडागांव जिले के प्रतिभागी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने रीपा से जुड़े महिला स्व-सहायता समूह को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। बस्तर संभाग के सभी 32 विकासखंड के मान से कुल 64 रीपा स्वीकृत किए गए हैं। पूरे प्रदेश में 300 रीपा संचालन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बस्तरिया रीपा के स्मृति चिन्ह का विमोचन किया।
पिछले तीन साल के भीतर साढ़े पांच हजार गौठान स्वावलंबी हो गए
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान सुराजी गांव योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के क्रियान्वयन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्व-सहायता समूहों द्वारा मछली पालन, कुक्कुट पालन, मशरूम उत्पादन किया जा रहा है। पिछले तीन साल के भीतर साढ़े पांच हजार गौठान स्वावलंबी हो गए हैं। गौठान समिति के दौरान गोबर क्रय किया जा रहा है। गौठान को डे केयर सेंटर विकसित किया गया है। प्रदेश के गौठानों में 28 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार किए गए हैं। गोबर बिक्री करने वाले हितग्राहियों के बैंक खाते में राशि सीधे अंतरित की जा रही है। इसी तरह लघु वनोपज की बिक्री, तेंदूपत्ता, संग्राहकों के खाते में भी आनलाईन पैसा ट्रांसफर किया जा रहा है।