कांकेर। CG NEWS : नक्सल प्रभावित कांकेर जिला में अफसरशाही का अजीबों-गरीब मामला सामने आया हैं। पंखाजूर में एक फूड इंस्पेक्टर ने पानी में गिरा अपना महंगा मोबाइल निकालने के लिए बांध का पानी ही बहा दिया. एक फोन के खातिर बहाए गए पानी से डेढ़ हजार एकड़ खेतों की सिंचाई की जा सकती थी. हालांकि, अफसर का कीमती मोबाइल फोन तो मिल गया लेकिन अब खराब हो चुका है. मोबाइल को रिक्वर करने के लिए अधिकारी ने डेम में पंप लगाकर लाखों लीटर पानी ऐसे ही बहा दिया। जानकारों की माने तो डेम से करीब 20 लाख लीटर से ज्यादा ही फजूल में बहा दिया गया. इस मामले की जानकारी के बाद अब सिंचाई विभाग के अफसर इस मामले में गोलमोल जवाब देते नजर आ रहे हैं।
दरअसल, कोयलीबेड़ा ब्लॉक के एक फूड ऑफिसर रविवार को छुट्टी मनाने खेरकट्टा परलकोट जलाशय पहुंचे थे. जहां पर अफसर साहब का महंगा मोबाइल फोन खेरकट्टा परलकोट जलाशय के ओवर पुल पर लबालब 15 फीट तक भरे हुए पानी में गिर गया. अधिकारी ने मोबाइल को ढूंढने के लिए पहले पास के गांववालों को लगाया. अच्छे-अच्छे गोताखोर उतारे. लेकिन असफलता ही हाथ लगी.
बताया जा रहा हैं कि रविवार 21 मई को वह दोस्तों के साथ बांध पर गए थे। सोमवार की दोपहर तक जब मोबाइल का कुछ पता नहीं चला, तो अफसर के निर्देश पर डैम में से पानी निकालने के लिए पंप मंगवाया गया।
फिर क्या था इसके बाद लगातार 24 घंटे पंप चलाकर डेम के पानी को ऐसे ही बहाना शुरू किया गया, ताकि डेम के खाली होने पर मोबाइल को निकाला जा सके। उधर डैम से धड़ल्ले से पानी बहाये जाने की खबर फैली, तब सिंचाई विभाग के अफसरों के कान खड़े हुए और मौके पर जाकर पंप को बंद करवाया गया। बताया जा रहा हैं कि इस दौरान डेम का पानी कम होने के बाद गुरुवार को फूड इंस्पेक्टर का मोबाइल तो मिल गया। लेकिन वो पूरी तरह से डेड हो गया था। इस मामले में जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी आरसी धीवर का कहना है कि नियमानुसार 5 फीट तक पानी को खाली करने का परमिशन मौखिक तौर पर दी गई थी। लेकिन 10 फीट से ज्यादा पानी निकाल दिया गया।