कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता आशा की ट्रैकिंग में लगी टीम को ग्रामीणों ने डकैत समझकर पीट दिया। ग्रामीणों ने टीम को वहां से भगाने के लिए पहले फायरिंग की। जब वे नहीं भागे तो उन्हें घेरकर हमला कर दिया।
शुक्रवार सुबह शिवपुरी के पोहरी थाना क्षेत्र के बूड़ाखेड़ा गांव की है। दरअसल, कूनो नेशनल पार्क में लाई गई मादा चीता आशा लंबे समय से पार्क क्षेत्र से बाहर घूम रही है। उसकी निगरानी के लिए पार्क प्रबंधन ने एक टीम बनाई है जो 24 घंटे उसे ट्रैक करने में लगी हुई है। गुरुवार रात उसकी लोकेशन बूड़ाखेड़ा गांव में मिली। इस पर टीम वहां पहुंची थी।
ट्रैकिंग डिवाइस से उसे ट्रैक(track ) करते हुए तालाब किनारे पहुंचे
ट्रैकिंग टीम के सदस्य राजेश गोरख (48) ने बताया कि हमें मादा चीता आशा की लोकेशन बूड़ाखेड़ा गांव के तालाब के पास मिली थी। गुरुवार रात एक बजे हम ट्रैकिंग डिवाइस से उसे ट्रैक करते हुए तालाब किनारे पहुंचे थे। सारी रात मादा चीता आशा तालाब किनारे ही बैठी रही। इसी कारण मैं और मेरी टीम के सदस्य चीता से 500 मीटर की दूरी बना कर बैठ गए।रात 3 बजे के बाद आंधी-पानी शुरू हो गया, इस कारण मैं, पवन अग्रवाल, ट्रैकर विकेश गुर्जर और ड्राइवर हुकुन यादव गाड़ी में आकर बैठ गए।
डीएफओ ने कहा- टीम(team ) से मारपीट की
कूनो नेशनल पार्क(kuno national park ) के डीएफओ प्रकाश वर्मा ने कहा कि इस घटना की शिकायत पोहरी थाने में दर्ज करा दी गई है। इधर, ग्रामीणों का कहना है कि रात के अंधेरे में ट्रैकिंग टीम के सदस्य उन्हें चोर और डकैत लगे। वे आर्मी जैसी ड्रेस पहने हुए थे। पूछने पर भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था, इसी के चलते गलतफहमी हो गई।