बिलासपुर। CG CRIME NEWS : न्यायधानी में पुलिस ने रिश्तों का कत्ल के सनसनीखेज मामले पर से पर्दा उठाया हैं। यहां कोटा क्षेत्र के कलमीटार रेल्वे स्टेशन के पास मिले 30 वर्षीय युवक की लाश की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस ने मामले में मृतक की पत्नी और ससुर को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि मृतक की प्रताड़ना से तंग आकर पत्नी ने अपने पिता के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी थी। पुलिस ने मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। कोटा थाना क्षेत्र का मामला।
गौरतलब हैं कि 27 मई को कलमीटार रेलवे स्टेशन के पास ट्रैक पर युवक की खून से लथपथ लाश मिली थी। घटना की जानकारी रेलवे कर्मचारियों ने कोटा पुलिस को दी थी। पुलिस मौके पर पहुंची और शव का परीक्षण किया, तब पता चला कि मृतक के सिर को पत्थर से कुचल कर हत्या किया गया है। मौका ए वारदात से मिले साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाने के लिए वारदात से जुड़े कड़ियों को जोड़ना शुरू किया। मृतक की पहचान के लिए आसपास के लोगों से पूछताछ शुरू किया गया, लेकिन शिनाख्त नहीं हो पाई। इसी कारण पुलिस की जांच आगे नही बड़ पा रही रही थी।
पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान करने के लिए सभी सरहदी थानों में तस्वीर भेजी गई थी। इसी दौरान मृतक युवक के कपड़ों की बारीकी से जांच करने पर पुलिस को उसके जेब में रेस्टारेंट संचालक का मोबाइल नंबर लिखा हुआ मिला। इस पर पुलिस ने रेस्टारेट संचालक से पूछताछ शुरू की। तब पता चला कि युवक को अंतिम बार मंगला चौक स्थित रेस्टारेंट में देखा गया था। पूछताछ में पता चला कि वह वहां काम मांगने के लिए गया था।
पुलिस ने दोबारा रेस्टोरेंट व आसपास के कैमरों की बारीकी से जांच की तो पता चला कि होटल के बाहर युवक करीब दो घंटे तक घूम रहा था। वह होटल के महिला कर्मचारी दुर्गा सिंगरौल से भी मिलकर बातचीत करते हुए दिखा। पुलिस ने महिला से पूछताछ की और उसे मृतक का फोटो दिखाया। तब महिला ने युवक की पहचान अपने पति योगेश्वर सिंगरौल के रूप में की। वह मूलतः मुंगेली जिले के पथरिया का रहने वाला था और सरकंडा के डबरीपारा में रहता था। पूछताछ में महिला ने पहले तो पुलिस को गुमराह करते हुए पति से तीन साल से अलग रहने की बात कही। लेकिन जब पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ करना शुरू किया, तब आरोपी दुर्गा सिंगरौल ने बताया कि पति से अलग रहने के बाद भी वह उसके चरित्र पर शक करता था। आए दिन उसके साथ मारपीट किया करता था। उसकी प्रताड़ना से वह काफी तंग आ चुकी थी। इसलिए उसने अपने पति को रास्ता से हटाने के लिए योजना बनाई।
रामावतार अपने साथी विनोद सिंगरौल एवं लखन साहू के साथ मिलकर होटल के पास से योगेशवर सिंगरौल को मारपीट कर हाथ बांधकर बाइक से ग्राम मोछ ले गए। फिर उसकी पिटाई करते हुए तिफरा निवासी लाल उर्फ विशम्भर लोनिया को बुलाकर दो बाइक में अपने साथियों के साथ योगेशवर सिगरौल कलमीटार रेल्वे स्टेशन के पास ले गए। वहां भी उसकी जमकर पिटाई की और फिर पत्थर से सिर कुचलकर हत्या कर दी। महिला के इस खुलासे के बाद पुलिस ने रामावतार व उसके अन्य साथियों को भी तत्काल गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने पूछताछ में योगेश्वर की हत्या कर लाश को खींच कर रेलवे ट्रैक में फेंकने की जानकारी दी। हत्या को हादसा या आत्महत्या का रूप देने के लिए शव को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया था। लेकिन मृतक की लाश रेलवे ट्रैक पर देखते ही लोको पायलट ने दूर से ही ट्रेन को रोक दिया था। इसके बाद लोको पाॅयलट ने इसकी जानकारी स्टेशन मास्टर और पुलिस को दी। यही वजह है कि पुलिस शुरूआती जांच से ही इसे हत्या मानकर जांच कर रही थी और मृतक की पहचान होते ही इस अंधे कत्ल की गुत्थी को पुलिस ने सुलझाकर मृतक की पत्नी उसके ससुर सहित 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया हैं।