रायपुर। RAIPUR NEWS : राजधानी रायपुर में प्रभा खैतान फाउंडेशन द्वारा एक दिवसीय आखर छत्तीसगढ़ कार्यक्रम का आयोजन होने वाला है। छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग एवं अभिकल्प फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में ये कार्यक्रम किया जा रहा है। यह कार्यक्रम रविवार 11 जून न्यू सर्किट हाउस स्थित कन्वेंशन हाल में रायपुर होगा।
प्रभा खैतान फाउंडेशन स्वर्गीय डॉ. प्रभा खैतान द्वारा स्थापित एक गैर-लाभकारी न्यास है। कोलकाता स्थित फाउंडेशन- प्रदर्शन कला, संस्कृति और साहित्य को बढ़ावा देता है। भारत और विदेशों में लगभग 40 शहरों में सांस्कृतिक, शैक्षिक, साहित्यिक और सामाजिक कल्याण परियोजनाओं को लागू करने के लिए इनसे संबंधित प्रतिबद्ध व्यक्तियों, संरक्षकों और समान विचारधारा वाले संस्थानों के साथ सहयोग करता है। फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रमों को श्री सीमेंट लिमिटेड अपने सीएसआर पहल के रूप में सहयोग प्रदान करता है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश एक सुंदर कला, सभ्यता और संस्कृति का केंद्र रहा है। इस पावन धरा में साहित्य और संस्कार का उत्थान हुआ है। सरगुजा से शुरू कर दक्षिण के बस्तर तक पूरे छत्तीसगढ़ में साहित्य, संस्कृति, परंपरा और सभ्यता के सुंदर रंग देखने को मिलते हैं। इन सभी परंपरा में अत्यधिक विविधता के साथ-साथ एक जुड़ाव भी देखने को मिलता है।
कार्यक्रम आखर छत्तीसगढ़ का उद्देश्य छत्तीसगढ़ प्रदेश के राजभाषा छत्तीसगढ़ी और अन्य आंचलिक बोली (जैसे- सरगुजिहा, हल्बी, गोंडी, कुडुक, सदरी इत्यादि) के साहित्य के संरक्षण एवं संवर्धन पर वैचारिक परिचर्चा आयोजित करना है। 15 से अधिक बोली-भाषाओं पर केंद्रित दिनभर चलने वाले इस आयोजन में 7 सत्र होंगे। जिनमें सरगुजा से लेकर बस्तर की बोली-भाषा के साथ ही छत्तीसगढ़ी कविता-कहानी, युवा लेखन और सोशल मीडिया पर केंद्रित 7 पैनल डिस्कशन होंगे। जिसमें 30 से अधिक साहित्यकार और 10 से अधिक छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कलाकार शिरकत करेंगे।
आयोजन में प्रदेश के सभी संभाग से विषय विशेषज्ञ, साहित्यकार और लेखकों को वक्ता के रूप में आमंत्रित किया जाएगा। जिसमें पद्मश्री सम्मानित डॉ. भारती बंधु, मदन चौहान, उषा बारले एवं संगीत नाट्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित काशीराम साहू शामिल होंगे। कार्यक्रम में युवा लेखकों एवं डिजिटल माध्यम पर छत्तीसगढ़ के साहित्य, संस्कृति, परंपरा और सभ्यता को बढ़ावा देने निरंतर प्रयास कर रहे डिजिटल क्रिएटर्स हेतु विशेष सत्र का आयोजन किया जायेगा। कार्यक्रम के अलग-अलग सत्र में छत्तीसगढ़ के साहित्य, कला एवं संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन पर चर्चा की जाएगी। छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक परंपरा को सहेजने हेतु कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक की प्रस्तुति दी जाएगी। जिसमें प्रमुख रूप से रामनामी समाज द्वारा रामभजन की प्रस्तुति एवं पद्मश्री उषा बारले सहित अन्य सुप्रसिद्ध लोक कलाकारों की प्रस्तुति होगी।
इस आयोजन में हम सभी को छत्तीसगढ़ के राजभाषा छत्तीसगढ़ी और हमारी आंचलिक बोलीयों के साहित्य और संस्कृति से परिचित होने का सुअवसर प्राप्त होगा। मशहूर पण्डवानी गायक चेतन देवांगन की प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का समापन होगा।