रायपुर। RAIPUR NEWS : राजधानी के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर में भारत सरकार के कार्यक्रम “एक भारत श्रेष्ठ भारत” युवा संगम के दूसरे चरण का शुभारंभ किया गया। एक भारत श्रेष्ठ भारत “युवा संगम” के विचार की परिकल्पना भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के विभिन्न राज्यों के बीच एक सांस्कृतिक संबंध स्थापित करने हेतु इस योजना की शुरुआत की। इसका उद्देश्य उन युवाओं को आपस में जोड़ना है जो न केवल अपार प्रतिभा, वैश्विक ज्ञान, रचनात्मकता और नवाचार की भावना के प्रतीक हैं, बल्कि देश के मानवीय दर्शन को दर्शाने वाले सांस्कृतिक मूल्यों की भी समीक्षा करते हैं।
एक भारत श्रेष्ठ भारत युवा संगम मुख्य रूप से उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों और देश के विभिन्न राज्यों के युवाओं के एक्सपोजर टूर आयोजित करने पर केंद्रित है। इसके तहत एनआईटी रायपुर को एनआईटी नागालैण्ड के साथ जोड़ा गया है। इस एक्सपोजर टूर के तहत एनआईटी नागालैण्ड के 42 छात्र और 04 फैकल्टी इन चार्ज एनआईटी रायपुर का दौरा कर रहे हैं, जहां ये सभी छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत से रूबरू होंगे और विभिन्न सांस्कृतिक, तकनीकी और मनोरंजन कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
इस कार्यक्रम के तहत एनआईटी रायपुर में 15 जून 2023 कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए एक उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया। जहाँ सबसे पहले नागालैंड से आए सभी विद्यार्थियों का फूलों की माला पहना कर और श्री फल देकर स्वागत किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि रायपुर के डिविजनल कमिश्नर डॉ. संजय अलंग थे। विशिष्ट अतिथि इंटरनेशनल वेटलिफ्टर रुस्तम सारंग, तथा सम्मानीय अतिथि के रूप में संस्थान के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव, रजिस्ट्रार डॉ. पी. वाय. ढेकने तथा डीन (अनुसंधान और परामर्श) डॉ. प्रभात दीवान मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में कार्यक्रम के मुख्य समन्वयक, डीन (छात्र कल्याण) डॉ. नितिन जैन, एनआईटी रायपुर युवा संगम के नोडल अधिकारी डॉ. गोवर्धन भट्ट , आयोजन समिति सदस्य , संकाय सदस्य, कर्मचारी और छात्र उपस्थित रहे।
इसके बाद नागालैण्ड के प्रतिनिधियों ने अपना परिचय दिया साथ ही युवा संगम को छत्तीसगढ़ की विविध संस्कृतियों से जुड़ने का एक महान अवसर बताया और युवा संगम के प्रति अपना उत्साह दिखाया। उन्होंने बोला कि यह उत्सव छत्तीसगढ़ की अनूठी परंपराओं, भाषाओं और लोगों की खोज का एक मंच है। डॉ. प्रभात दीवान ने नागालैण्ड के प्रतिनिधियों को उनके युवा संगम के पांच दिवसीय कार्यक्रम का विवरण दिया साथ ही छत्तीसगढ़ की परंपरा तथा पर्यटन आदि के बारे में बात की। डॉ. राव ने कार्यक्रम के महत्व के बारे में बताया और बताया कि कैसे यह छात्रों के लिए छत्तीसगढ़ में संस्कृतियों, परंपराओं और लोगों की जीवन शैली को जानने का एक अवसर है। उन्होंने कार्यक्रम के सुचारू रूप से संचालन हेतु सहयोग के लिए भारत सरकार, संस्कृति मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, एआईसीटीई और आईआरसीटीसी की सराहना की। उन्होंने कार्यक्रम के सुचारू आयोजन के लिए आयोजन समिति की भी सराहना की।
छत्तीसगढ़ का इतिहास
रुस्तम सारंग ने अपने करियर के दौरान उत्तर पूर्वी राज्यों के लोगों से मिली सीख के बारे में बात की। उन्होंने उनके समावेश और एकजुटता की गुणवत्ता की सराहना की जिसने उन्हें उनके बीच घुलने-मिलने में मदद की और अरुणाचल प्रदेश, असम और नागालैण्ड के लोगों के इस स्नेहपूर्ण भाव को माना। उन्होंने प्रतिनिधियों को छत्तीसगढ़ के व्यंजनों को आजमाने के लिए प्रेरित किया और छत्तीसगढ़ की मूल भाषा के बारे में बताया। रुस्तम सारंग ने प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की और उनके सवालों का जवाब दिया। डॉ. संजय अलंग ने प्रतिनिधियों को “छत्तीसगढ़” शब्द पर ध्यान केंद्रित करते हुए छत्तीसगढ़ के इतिहास की एक झलक दी, जिसमें “36” और “गढ़” की महता को उन्होंने विस्तार से समझाया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के इतिहास में घटित विभिन्न घटनाओं के बारे में बताया तथा राज्य की परंपरा और संस्कृति पर चर्चा की। उन्होंने छत्तीसगढ़ की जानकारी हेतु इस अवसर का उपयोग करने के लिए सभी को प्रोत्साहित किया और उन्हें युवा संगम के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम का समापन डॉ. ढेकने द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव से किया गया साथ ही उन्होंने युवा संगम के लिए नागालैण्ड के प्रतिनिधियों को शुभकामनाएं दीं।
इन पांच दिनों की यात्रा के दौरान नागालैण्ड के प्रतिनिधियों को भिलाई स्टील प्लांट के औद्योगिक दौरे, सिरपुर की यात्रा और गवर्नर हाउस की यात्रा के साथ राज्य की संस्कृति के बारे में जानने के अवसर मिलेंगे। प्रतिनिधि आगामी चार दिनों में कई मनोरंजक गतिविधियों के साथ रायपुर और नया रायपुर शहर के भ्रमण में भी हिस्सा लेंगे।