भारत-पाकिस्तान के मध्य होने वाली रिट्रीट(retreat ) सेरेमनी का समय बदल गया है। अमृतसर के अटारी बॉर्डर सहित फाजिल्का व फिरोजपुर में अब रिट्रीट शाम 6 बजे की जगह 6.30 बजे होगी। गर्मी बढ़ने व दिन बड़े होने के बाद इस फैसले को लिया गया है।
लगभग 40 मिनट तक होने वाली इस रिट्रीट सेरेमनी के दौरान पूरा माहौल देशभक्ति से सराबोर हो जाता है। भारत की सरहद पर भारतीय तो पाकिस्तान की तरफ पाक नागरिक अपने देश के नारे लगा अपने देश-प्रेम को उजागर करते हैं। लोग देशभक्ति के गानों से झूमते हुए दिखाई देते हैं।
राजगुरु और सुखदेव के स्मारक हुसैनीवाला बॉर्डर(border ) के नजदीकी
शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के स्मारक हुसैनीवाला बॉर्डर के नजदीकी हैं। 1962 तक यह क्षेत्र पाकिस्तान के पास रहा और उन्होंने भारत के इन महान शहीदों की याद में कोई भी स्मारक बनाने की परवाह नहीं की, जिन्होंने दोनों देशों की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।यह 1962 की बात है, जब भारत ने सुलेमानकी (फाजिल्का) के पास के 12 गांव पाकिस्तान को दे दिए थे और बदले में इस शहीद स्मारक की जमीन मिली थी। लेकिन तकदीर की विडम्बना यह है कि 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान इन्हीं शहीदों की मूर्तियों को पाकिस्तान की सेना हटाकर ले गई और आज तक वापस नहीं की गई हैं।