भोजन बिना मिठी(sweet) चीजों के पूरा नहीं होता. हर बड़े, मनपसंद और न्यूट्रिशन से भरे खाने के बाद, मिठाई खाना लगभग जरूरी हो जाता है. मीठा खाने की लालसा आमतौर पर देर रात में होती है और हम अक्सर इस लालसा के आगे झुक जाते हैं. मीठा खाने से आपके ब्रेन में केमिकल का एक बड़ा उछाल आता है, जिसे डोपामाइन कहा जाता है. ये बताता है कि आप सेब या गाजर की तुलना में रात में 3 बजे मीठी चॉकलेट के लिए अधिक तरसते हैं. स्टडी बताती हैं कि खाने के बाद मीठा खाने की लालसा स्वास्थ्य(health) के लिए अच्छा नहीं है. ये आपकी हेल्थ को प्रभावित करता है और स्वास्थ्य से जुड़ी कई छोटी-छोटी समस्याओं का कारण बनता है
देर रात में, जब आप हेवी खाना खाने के बाद मिठाई लेते हैं, तो भोजन के कणों को टूटने में अधिक टाइम लगता है, और इसलिए, इसे पचने में भी फिर ज्यादा समय लगता है. इसलिए खाने के बाद मीठा खाने से बचना चाहिए. खाना खाना शुरू करने से पहले एक मिठाई का सेवन करने से पाचन स्राव (digestive secretions ) के फ्लो में मदद मिलती है, जिससे आपके डाइजेशन प्रोसेस की गति में सुधार होता है. दूसरी ओर, मिठाई को खाने के बाद लेने से डाइजेशन प्रोसेस लंबे समय तक रुक जाता है. जब आप खाने से पहले किसी मिठाई लेते हैं, तो ये आपकी जीभ पर पाए जाने वाले टेस्ट बड्स (taste buds) को एक्टिव करता है और आपको अपने भोजन का बेहतर आनंद लेने की अनुमति देती है.
गैस और एसिड(gas and acid) बनने का खतरा
भोजन क अंत में मिठाई खाने से पाचन अग्नि की आग बंद हो सकती है और उसकी प्रक्रिया धीमी हो सकती है, जिससे एसिड रिफ्लक्स (जब हमारा भोजन से बनने वाला एसिड आंतों के निचले हिस्से में जाने की बजाय वापस इसोफेगस की ओर लौटने लगता है) की वजह से फर्मेंटेशन हो सकता है. खाने के बाद मीठा खाने से गैस भी बन सकती है और ये बाद में ब्लॉटिंग का कारण बनती है