रायपुर। छत्तीसगढ़ के पारंपरिक पर्व तीजा-पोला पर कोरोना भारी पड़ रहा है। राजधानी से लगे आउटर इलाके सहित आसपास के गांवों में ग्राम पंचायताें द्वारा मुनादी कर गांव की बहन-बेटियों को तीजा पर्व पर गांव में आने-जाने व बहुओं के मायके जाने पर रोक लगा दी गई है। हालांकि शासन स्तर पर इस तरह का कोई लिखित आदेश जारी नहीं हुआ है, पर ग्राम स्तर पर काेरोना सुरक्षा का हवाला देते हुए अलग-अलग गांवों में कोटवार के माध्यम से मुनादी कराकर व्यवस्था पालन का फरमान जारी हुआ है। इसमें यदि किसी के द्वारा मुनादी के बाद भी गांव में तीजा के लिए बहन-बेटियों को लाने का कार्य किया जाता है तो उसके लिए पांच हजार रुपए का जुर्माना और 14 दिन तक गांव के स्कूल में क्वारेंटाइन रहने का दंड शामिल है। पंचायती फरमान को लेकर जहां महिलाएं नाखुश हैं, वहीं पुरुष वर्ग खुलकर इसका विरोध करने से कतरा रहा है।
गांव- सारखी, जिला- रायपुर : रायपुर जिले के सारखी गांव में पंचायत द्वारा मुनादी कर तीज पर्व पर बहन-बेटियों, बहुओं के मायके आने-जाने की मनाही की गई है। कड़ाई के साथ ग्रामवासियों से इस नियम का पालन कराने दबाव बनाया गया है। इसके चलते दूरदराज में रहने वाली महिलाएं इस बार मायके नहीं आ पा रहीं। गांव के निवासी राघवेंद्र साहू का कहना है, शासन स्तर पर इस तरह का कोई आदेश नहीं है, पर पंचायत द्वारा काेरोना संकट को देखते हुए व्यवस्था की दृष्टि से मुनादी कराई गई है। तीज-त्योहार में यह ठीक नहीं। यही नहीं, गांव के स्कूल को क्वारेंटाइन सेंटर बना दिया गया है।
गांव- अरभरी, जिला- बालोद : गांव के लोगों का कहना है, तीजा लेकर आने वाले को पहले गांव के बाहर स्थित स्कूल में 14 दिनों तक क्वारेंटाइन सेंटर में रहना होगा। साथ ही पंचायत के फरमान की अवहेलना के एवज में पांच हजार रुपए दंड रखा गया है। यही वजह है, महिलाएं चाहकर भी पारंपरिक पर्व मनाने मायके नहीं जा पा रही हैं।
शासन ने तीजा-पोला पर्व पारंपरिक तरीके से मनाने संबंधी आदेश जारी कर दिया है। किसी तरह की रोक नहीं लगाई है।
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