बिलासपुर। CG train cancelled : कोरोना काल के बाद से सवारी ट्रेनों का बेपटरी होने का सिलसिला थम नही रहा है। एक तरफ रेलवे माल लदान को बढ़ावा देने मालगाड़ियों का परिचालन धड़ल्ले से करवा रहा है तो वहीं कुछ ना कुछ विकास व अधोसंरचना कार्य के चलते यात्री ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है। हालांकि अफसर दावा कर रहे है कि वर्तमान समय में सभी ट्रेनें चल रही हैं।
एसईसीआर ने रायपुर मंडल अंतर्गत दुर्ग भिलाई में किये जा रहे अधोसंरचना कार्य के चलते फिर से एक साथ 9 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। वहीं 8 ट्रेनों को लेटलतीफी से रवाना कर एक ट्रेन के मार्ग में परिवर्तन किया गया है। रेलवे एक तरफ यात्री सुविधाओं में विस्तार करने का दावा कर रहा है।वहीं रखरखाव कार्य और अधोसंरचना कार्य के चलते ट्रेनों को रद्द करने का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है।इससे यही प्रतीत हो रहा है कि कोरोना का समय तो खत्म हो गया है लेकिन रेलवे में सायद कोरोना का असर अब भी बरकार है।इसके अलावा समझ से परे ये है कि देश मे कुल उन्नीस जोन है लेकिन उनमें ट्रेनों की स्थिति की बात की जाए तो सबसे ज्यादा बदतर स्थिति एसईसीआर बिलासपुर की ही है।क्योंकि एसईसीआर ट्रेनों को रद्द करने के साथ साथ ट्रेनों को समय से चलाने में भी अन्य जोन से सबसे पीछे है। मतलब यहां 100 प्रतिशत ट्रेनों में 58 फीसदी से अधिक ट्रेने देरी से चलती हैं। हालांकि इससे रेलवे को कोई मतलब नही है क्योंकि जितना फायदा रेलवे को माल लदान से और मालगाड़ियों से होता है उतना यात्री ट्रेनों से नही होता है।
कोरोना काल के समय सभी ट्रेनें रद्द थी लेकिन माल लदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रेलवे ने मालगाड़ियों का परिचालन बन्द नही किया था।हालांकि जब कोरोना से स्थिति सामान्य हुई तब बेपटरी ट्रेनें धीरे धीरे पटरी पर आने लगी।लेकिन स्थिति सामान्य होने के बाद से रेलवे ने यात्री सुविधा के नाम पर ट्रेनें रद्द कर और ट्रेनों का घण्टों विलम्ब से परिचालन करवा कर प्रदेशवासियों के साथ केवल छल ही किया है।कुल मिलाकर ऐसा माना जा रहा है कि विकास कार्य करने के लिए ट्रेनें रद्द करने के सिवाय रेलवे के पास दूसरा कोई विकल्प नही है। इसी तरह आगामी 17 जुलाई से 20 जुलाई तक दुर्ग भिलाई के पास रोड अंडर ब्रिज में गार्डर लॉन्चिंग का कार्य किया जाना है।इसके लिए रेलवे ने रायपुर दुर्ग पैसेंजर,,मेमू लोकल,,गेवरा रोड पैसेंजर,,टाटा नगर इतवारी एक्सप्रेस और रायपुर डोंगरगढ़ मेमू लोकल सहित 9 यात्री ट्रेनों को रद्द किया है। जबकि मुम्बई हावड़ा,,हटिया पुणे,,शिरडी हावड़ा,,बीकानेर,,छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस सहित आठ ट्रेनों को लेटलतीफी से चलाने का निर्णय लिया है वहीं गोंदिया बरौनी एक्सप्रेस का मार्ग बदला गया है।इसके बावजूद रेलवे के अफसर दावा कर रहे है कि इन नौ ट्रेनों को छोड़कर एसईसीआर अंतर्गत परिचालन होने वाले सभी ट्रेनों का व्यवस्थित तरीके से परिचालन कराया जा रहा है।
कोरोना काल के समय से यात्रियों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए भारी मशक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।वर्तमान समय तक स्थिति सामान्य नही हुई है।सायद यही वजह है कि अधिकांश यात्रियों ने सड़क मार्ग से यात्रा की ओर रुख ले लिया है।इसके चलते ही सड़क मार्ग की किराया में बढ़ोतरी हुई है।ऐसा कोई महीना नही बितता है जब रेल प्रशासन यात्री सुविधाओं के विस्तार के नाम पर ट्रेनों को रद्द नही करता।बल्कि बीते 2022 के बाद से ट्रेनों की चाल में अबतक आधार नही किया गया है।आज भी एमपी, महाराष्ट्र और हावड़ा रूठ की अधिकांश ट्रेनें घण्टों विलम्ब से चल रही है।ऐसा नही की इसकी जानकारी ऊपर रेलवे बोर्ड को नही बावजूद इसके वे इस ओर ध्यान देना भी जरूरी नही समझ रहे है।कुल मिलाकर देखने वाली बात होगी कि यात्री सुविधा के नाम पर रेल प्रशासन आम यात्रियों को कबतक परेशान करता रहेगा।या फिर वाकई यात्री हित में रेलवे द्वारा जल्द कोई बड़ा निर्णय लिया जाएगा।