हिंदू धर्म में सावन महीने का विशेष महत्व होता है. यह देवों के देव महादेव का प्रिय महीना माना जाता है. इस साल सावन में कुल 8 सोमवार व्रत रखे जाएंगे. कल 17 जुलाई 2023 को सावन माह के दूसरे सोमवार का व्रत है.धार्मिक दृष्टिकोण से कल सावन सोमवार का दिन बहुत ही शुभ होने वाला है. क्योंकि सावन के दूसरे सोमवार पर शुभ मुहूर्त और योगों में शिवजी की पूजा की जाएगी. सावन के दूसरे सोमवार पर हरियाली अमावस्या भी रहेगी और साथ ही कई शुभ योग का निर्माण भी हो रहा है.
दूसरे सावन सोमवार की पूजा विधि (Second Sawan Somwar 2023 Puja Vidhi)
सावन के दूसरे सोमवार पर सुबह जल्दी उठकर स्नानादि कर साफ कपड़े पहन लें और व्रत का संकल्प लें. इसके बाद शुभ मुहूर्त में शिवमंदिर जाकर भगवान की पूजा करें. अगर घर पर शिवलिंग स्थापित है तो आप घर पर भी पूजा कर सकते हैं. पूजा के लिए सबसे पहले, गंगाजल,शुद्ध जल या कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें. फिर चंदन का तिलक लगाएं. अब अक्षत, सफेद फूल, बेलपत्र, भांग के पत्ते, शमी के पत्ते, धतूरा, भस्म, इत्र, शहद, फल आदि अर्पित करें. इसके बाद धूप-दीप दिखाकर शिव जी की आरती करें. इस दिन शिवजी के मंत्रों का जाप करना और शिव चालीसा का पाठ करने से मनोकामनाएं पूरी होती है.
शिवजी के मंत्र (Lord Shiva Mantra)
सावन के दूसरे सोमवार पर पूजा में शिवजी के इन मंत्रों का जाप करें. इससे भगवान प्रसन्न होंगे और सभी मनोकामनाएं पूरी होगी.
- ॐ नम: शिवाय
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
- ॐ नमो भगवते रुद्राय
- ॐ हं हं सह:
- ॐ नमः शिवाय व्योमकेश्वराय
- ॐ पार्वतीपतये नमः
- ॐ नमः शिवाय गङ्गाधराय
ॐ नमः शिवाय शान्ताय
सावन सोमवार के दिन सावन अमावस्या भी रहेगी
- सावन सोमवार के दिन सावन अमावस्या भी रहेगी. इसे हरियाली अमावस्या कहा जाता है. इस दिन स्नान, दान, पूजा और व्रत का महत्व होता है. लेकिन सावन का दूसरा सोमवार पड़ने के कारण इस दिन भगवान शिव की पूजा भी जाएगी. सावन अमावस्या के दिन सावन का दूसरा सोमवार पड़ने से इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है.
- सावन के दूसरे सोमवार के दिन पुनर्वसु नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है. पुनर्वसु नक्षत्र सावन की दूसरी सोमवारी से लेकर अगले दिन 18 जुलाई सुबह 5 बजकर 11 मिनट तक रहेगा. इस नक्षत्र में किए व्रत और पूजन से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
- सावन के दूसरे सोमवार पर शिववास नक्षत्र का योग भी बन रहा है, जोकि रुद्राभिषेक के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. पंचांग के अनुसार, 17 जुलाई को सूर्योदस्य से लेकर रात्रि तक शिववास रहेगा.
- 17 जुलाई को सावन के दूसरे सोमवार पर हर्षण और सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है.