रायपुर। राजधानी में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या और बढ़ते मौतों के आंकड़ों ने खौफ पैदा कर दिया है। अगस्त माह का ऐसा कोई भी नहीं गया, जब कोरोना संक्रमितों की मौत नहीं हुई है। प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की तादाद 172 हो चुकी है, तो अकेले राजधानी में 93 लोगों की जान जा चुकी है। हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने सख्त रवैया अपना लिया है। जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि अंदेशा होने पर तत्काल कोरोना की जांच कराया जाना अनिवार्य है, अन्यथा एफआईआर के आदेश दिए गए हैं।
जिला प्रशासन की ओर से जारी किए गए निर्देशों में कहा गया है कि आशंका होने पर व्यक्ति का कोरोना टेस्ट कराया जाना अनिवार्य है। संबंधित व्यक्ति इससे इनकार नहीं कर सकता है। ऐसा करने पर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। वहीं अगर किसी इलाके में 5 से ज्यादा मरीज मिलते हैं तो उसे कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा।
रायपुर में 13 जोन बनाए गए हैं। हर जोन में डिप्टी कलेक्टर रेंज के अधिकारियों को इंसीडेंट कमांडर बनाया गया है। अधिकारियों के कार्य में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई है। अधिकारी खुद कार्य नहीं कर बल्कि अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर छोड़ दे रहे हैं। अब सभी अधिकारियों की हर सप्ताह शुक्रवार को बैठक ली जाएगी।