भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) का चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) तेजी से चांद की ओर बढ़ रहा है. आज 5 अगस्त को शाम करीब सात बजे इसे चांद के पहले ऑर्बिट में डाला जाएगा. इसके बाद चंद्रयान की गति को लगातार 23 अगस्त तक कम किया जाएगा
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चंद्रयान 3 के जरिए भारत चांद की स्टडी करना चाहता है. वो चांद से जुड़े तमाम रहस्यों से पर्दा हटाएगा. चंद्रयान 3 चांद की सतह की तस्वीरें भेजेगा, वहां के वातावरण, खनिज, मिट्टी वगैरह जुड़ी तमाम जानकारियों को जुटाएगा. बता दें 2008 में जब इसरो ने भारत का पहला चंद्र मिशन चंद्रयान-1 सफलतापूर्वक लॉन्च किया था, तब इसने चंद्रमा की परिक्रमा की और चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं की खोज की थी।
चंद्रयान 5 अगस्त को शाम करीब 7:15 बजे चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा
22 दिन के सफर के बाद चंद्रयान 5 अगस्त को शाम करीब 7:15 बजे चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था। तब यान चंद्रमा की ग्रैविटी में कैप्चर हो सके, इसके लिए उसकी स्पीड कम की गई थी। स्पीड कम करने के लिए इसरो वैज्ञानिकों ने यान के फेस को पलटकर थ्रस्टर 1835 सेकेंड यानी करीब आधे घंटे के लिए फायर किए। ये फायरिंग शाम 7:12 बजे शुरू की गई थी।
चंद्रयान ने चांद की तस्वीरें कैप्चर कीं
चंद्रयान ने जब पहली बार चंद्रमा की कक्षा में एंट्री की थी तो उसकी ऑर्बिट 164 Km x 18,074 Km थी।
अब तक का चंद्रयान-3 का सफर…
- 14 जुलाई को चंद्रयान पृथ्वी की 170 km x 36,500 km की ऑर्बिट में छोड़ा।
- 15 जुलाई को पहली बार ऑर्बिट बढ़ाकर 41,762 km x 173 km की गई।
- 17 जुलाई को दूसरी बार ऑर्बिट बढ़ाकर 41,603 km x 226 km की गई।
- 18 जुलाई को तीसरी बार ऑर्बिट बढ़ाकर 5,1400 km x 228 km की गई।
- 20 जुलाई को चौथी बार ऑर्बिट बढ़ाकर 71,351 x 233 Km की गई।
- 25 जुलाई को 5वीं बार ऑर्बिट बढ़ाकर 1,27,603 km x 236 km की गई।
- 31 जुलाई और 1 अगस्त की रात चंद्रयान पृथ्वी की कक्षा से चंद्रमा की ओर बढ़ गया।
- 5 अगस्त को चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की 164 Km x 18074 Km की कक्षा में प्रवेश किया।
- 6 अगस्त को चंद्रयान की ऑर्बिट पहला बार घटाकर 170 Km x 4313 Km की गई।
- 9 अगस्त को चंद्रयान की ऑर्बिट दूसरी बार घटाकर 170 Km x 4313 Km की गई।