चंद्रयान-3 की चांद पर फतेह के बाद भारत सूरज की ओर छलांग लगाने के लिए तैयार है. इसरो आज (02 सितंबर) को आदित्य एल1 को लॉन्च करने वाला है
पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) 30 साल से ISRO के सैटेलाइट अंतरिक्ष में ले जा रहा है. पीएसएलवी आदित्य L-1 को पृथ्वी की कक्षा से बाहर ले जाएगा. इसे ISRO का ‘वर्कहॉर्स’ कहा जाता है. पीएसएलवी ने 104 सैटेलाइट एक साथ लॉन्च करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. साल 2008 में चंद्रयान, 2013 में मंगलयान लेकर गया. ये ISRO का सबसे भरोसेमंद रॉकेट और 59वें मिशन पर आज आदित्य L-1 लेकर जाएगा। इसकी क्षमता 600 किमी तक 1750 किलो वजन ले जानी की है।
#WATCH | Aditya-L1 Mission will be launched today by the Indian Space Research Organisation (ISRO) from Sriharikota
(Visuals from Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota, Andhra Pradesh) pic.twitter.com/wvJZTyE0iW
— ANI (@ANI) September 2, 2023
सोलर मिशन के बारे में जानकारी
सूरज के बारे में जानने के लिए पहली बार नासा ने साल 1960 में पायनियर-5 को लॉन्च किया था. मौजूदा समय में 4 अतरिक्ष मिशन लैग्रेंज प्वाइंट के पास हैं. साल 2021 में पार्कर सोलर प्रोब कोरोना से गुजरा था जो सबसे करीब था. सबसे सस्ता सोलर मिशन भारत का है जिसकी लागत लगभग 379 करोड़ रुपये है. 27 साल से L-1 पर नासा-यूरोपियन एजेंसी के सैटेलाइट हैं।
जहां पहुंचेगा सूर्ययान, उस L-1 प्वाइंट को जानिए
सूर्ययान का L-1 प्वाइंट पृथ्वी और सूर्य के बीच काल्पनिक बिंदु है जो पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है. यहां पृथ्वी-सूर्य की गुरुत्वाकर्षण शक्ति लगभग असर नहीं करती. कम ईंधन की खपत से काफी वक्त मिलेगा. ग्रहण के दौरान सूर्य छुपेगा नहीं, 24 घंटे नजर आएगा. सूर्य से निकलने वाले तूफान यहीं से गुजरते हैं. वैज्ञानिक लुई लैग्रेंज के सम्मान में इसका नाम रखा गया. नासा-यूरोपियन एजेंसी के सैटेलाइट 27 साल से यहां पर हैं।
सूरज तक भारत का सफर!
भारत अगले कुछ महीनों में सूरज तक का सफर तय कर लेगा. इसके लिए इसरो आदित्य एल1 मिशन लॉन्च कर रहा है. इसका मकसद सूरज का अध्ययन करना है। आदित्य एल1 अपनी मंजिल लैग्रेंज- प्वाइंट पर पहुंचेगा जिसकी दूरी 15 लाख किमी है. इसे पहुंचने में 127 दिन लगेंगे और इसका बजट लगभग 379 करोड़ रुपये है।