जांजगीर। CG NEWS : शिक्षा में नित नये नवाचारी गतिविधियों के जरिये राज्य भर में अपनी विशेष पहचान बना चुके नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी को 5 सितंबर शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन रायपुर में महामहिम राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन के हाथों पुरस्कार प्राप्त हुआ। पुरस्कार में शाल, श्रीफल, प्रमाण पत्र एवं 21 हजार रूपये का चेक दिया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे सहित शिक्षा विभाग के आला अधिकारी विशेष रूप से उपस्थित रहे। पुरस्कार प्राप्त कर जांजगीर लौटने पर नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी का शिक्षकों ने जोरदार स्वागत किया तो वही दूसरे दिन 6 सितंबर को स्कूल पहुंचने पर शाला प्रबंधन समिति व शाला परिवार ने शिक्षक का आत्मीय अभिनंदन किया। शिक्षक श्री सूर्यवंशी ने इस उपलब्धि को शाला परिवार की उपलब्धि बताते हुए पुरस्कार की राशि को शालेय शैक्षणिक नवाचारी गतिविधियों में व्यय करने की बात कही है।
विदित हो कि सरकारी स्कूल में बच्चों की शिक्षा में नवाचार और तकनीक को शामिल करते हुए अपने प्रयास से विद्यालय में नामांकन, सामुदायिक सहभागिता, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने व शिक्षा के स्तर में सुधार करने वाले जांजगीर-चांपा जिले के नवाचारी शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी को पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2019 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के हाथों नई दिल्ली में राष्ट्रीय नवाचार पुरस्कार दिया जा चुका है। अपने वेतन के पैसे से इनके द्वारा सरकारी स्कूल को तकनीकी संसाधनों से युक्त कर डिजिटल स्कूल बनाया गया है जिसमें बच्चे न केवल पढ़ाई करते है बल्कि समुदाय के लोगों को साथ लेकर समय-समय पर शासन की योजनाओं का प्रचार-प्रसार व जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाता है।
शिक्षक राजेश सूर्यवंशी एनसीईआरटी दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर के शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला, आईसीटी के राष्ट्रीय स्तर के कार्यशाला (दिल्ली), राष्ट्रीय स्तर के शिक्षक कार्यशाला इंदौर, सीसीआरटी राष्ट्रीय कार्यशाला हैदराबाद जैसे जगहों से प्रशिक्षित है। शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने राज्य भर के नवाचारी शिक्षकों के गतिविधियों को एक मंच पर लाने की मुहिम चला रहे है, ताकि उनके कामों से राज्य भर के शिक्षक प्रेरित हो सके और शैक्षणिक माहौल बेहतर हो सके, इसके लिए स्वयं के व्यय पर शैक्षणिक मासिक पत्रिका निकालना शुरू किया है। जिले के नवाचारी शिक्षकों का एक टीम तैयार कर जून 2023 से यह कार्य शुरू किया गया है। शिक्षक राजेश सूर्यवंशी बताते है कि जिले व राज्य भर के नवाचारी शिक्षकों से संपर्क कर उनके नवाचार को एक लेख के रूप में मंगाया जाता है और प्रकाशित किया जाता है। इस कार्य के लिए जिले के कलेक्टर व शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मार्गदर्शन उन्हें मिल रहा है। इस कार्य के लिए उन्होंने गर्मी के छुट्टी के दौरान ग्राफिक्स डिजाईनिंग का कोर्स भी किया है। प्रत्येक माह के 1 तारीख को यह मासिक पत्रिका राज्य भर के शिक्षकों तक सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंचायी जाती हैै। इन्हे राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त होने पर जिले भर के शिक्षकों व विभागीय अधिकारियों ने बधाई प्रेषित की है।