संसद के स्पेशल सेशन में आजादी के 75 सालों पर संविधान सभा से लेकर आज तक की उपलब्धियां पर चर्चा होगी। एजेंडे में चार बिलों का भी जिक्र है. इन 4 बिलों में एडवोकेट बिल, प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल बिल 2023, पोस्ट ऑफिस बिल और चीफ इलेक्शन कमिश्नर एंड अदर इलेक्शन कमिश्नर बिल है. इन 4 बिलों में वह विवादास्पद बिल भी शामिल है जिसके तहत मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर नई कमेटी बनाई गई है.।
read more : PM MODI CG VISIT : पीएम मोदी के रायगढ़ दौरे को लेकर यातायात पुलिस ने जारी की एडवाइजरी, जानें- क्या है रूट मैप
विधेयक के मुताबिक, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का प्रावधान है. इन तीन सदस्यों में पीएम, केंद्रीय मंत्री और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होंंगे. पहले मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की कमेटी में चीफ जस्टिस (सीजेआई) भी शामिल होते थे, लेकिन नए बिल में सीजेआई को शामिल नहीं करने को लेकर विपक्ष हमलावर है।
विपक्ष का सवाल
विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) ने इस सत्र को लेकर कहा है कि वह 18 सितंबर से बुलाए गए संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में देश से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर सकारात्मक सहयोग करना चाहता है, लेकिन सरकार को यह बताना चाहिए कि बैठक का विशेष एजेंडा क्या है।
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र के दौरान देश की आर्थिक स्थिति, जातीय जनगणना, चीन के साथ सीमा पर गतिरोध और अडाणी समूह से जुड़े नए खुलासों की पृष्ठभूमि में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग समेत नौ मुद्दों पर उचित नियमों के तहत चर्चा कराई जाए.
कितनी बैठकें होगी?
संसद का स्पेशल सेशन सोमवार (18 सितंबर) को शुरू हो रहा है जो कि शुक्रवार (22 सितंबर) तक चलेगा. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हाल ही में बताया था कि विशेष सत्र के दौरान पांच बैठकें होगी