नई दिल्ली। NATIONAL NEWS : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महिला आरक्षण को मंजूरी दे दी है। महिला आरक्षण विधेयक 20 सितंबर यानी आगामी बुधवार को संसद में पेश किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट ने महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत महिला आरक्षण को मंजूरी दी है। बीजेपी बुधवार (20 सितंबर) या फिर उसके एक दिन बाद महिलाओं की एक बड़ी सभा दिल्ली या दिल्ली से जुड़े राजस्थान के किसी शहर में कर सकती है।
सभा को खुद पीएम मोदी संबोधित कर सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि इस पूरे कार्यक्रम को फिलहाल गुप्त रखा गया है। बता दें कि मौजूदा लोकसभा में 78 महिला सांसद हैं, जो कुल संख्या 543 का 15 प्रतिशत से भी कम हैं। आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा और पुडुचेरी सहित कई राज्य विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से कम है।
महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी या एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रस्ताव है. विधेयक में 33 फीसदी कोटा के भीतर एससी, एसटी और एंग्लो-इंडियन के लिए उप-आरक्षण का भी प्रस्ताव है. विधेयक में प्रस्तावित है कि प्रत्येक आम चुनाव के बाद आरक्षित सीटों को रोटेट किया जाना चाहिए. आरक्षित सीटें राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में रोटेशन द्वारा आवंटित की जा सकती हैं. इस संशोधन अधिनियम के लागू होने के 15 साल बाद महिलाओं के लिए सीटों का आरक्षण समाप्त हो जाएगा.
जब राज्यसभा ने हंगामे के बीच बिल पास कर दिया था और मार्शलों ने कुछ सांसदों को बाहर कर दिया था, जिन्होंने महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का विरोध किया था. हालांकि यह विधेयक रद्द हो गया क्योंकि लोकसभा से पारित नहीं हो सका था.