गरियाबंद / छत्तीसगढ़ शासन द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना लागू की गई है । तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे पंजीकृत संग्राहक परिवारों के लिए लागू की गई इस योजना में दुर्घटना और सामान्य मृत्यु के प्रकरणों में शासन द्वारा सहायता राशि दी जाती है। इस योजना से जिले के तेंदूपत्ता संग्राहक भी लाभान्वित हो रहे है। योजना प्रारंभ से अब तक 617 प्रकरणों में 8 करोड़ 71 लाख 85 हजार रूपये वितरित की जा चुकी है। गरियाबंद के 70 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों के मुखिया एवं अन्य सदस्यों को तत्परता से लाभ दिलाने के लिए योजना के बारें में ग्रामीणों को लगातार बताया जा रहा है। संग्राहक परिवार के सदस्य में से किसी की मृत्यु होने पर परिजनों से संपर्क कर दावा-प्रकरण सीएससी के माध्यम से प्रस्तुत कराया जा रहा है।
योजना अंतर्गत 18 से 50 वर्ष की आयु के संग्राहक के नामांकित व्यक्ति (उत्तराधिकारी) को 2 लाख रुपए दी जाती है। दुर्घटना से मृत्यु होने पर 2 लाख रूपये अतिरिक्त रूप से प्रदान की जाती है। दुर्घटना से पूर्ण निःशक्तता की स्थिति में 2 लाख रूपये तथा आंशिक निःशक्तता की स्थिति में 1 लाख रूपये की सहायता अनुदान राशि दुर्घटनाग्रस्त पात्र तेंदूपत्ता संग्राहक को प्रदान की जाती है। इसी प्रकार 50 वर्ष से 59 वर्ष के संग्राहक के नॉमिनी को 30 हजार रुपए की सहायता राशि का प्रावधान किया गया है । इसी तरह दुर्घटना से मृत्यु व निशक्तता की स्थिति में 75 हजार रूपये, दुर्घटना से पूर्ण निःशक्तता 75 हजार रूपये एवं आंशिक निशक्तता की स्थिति में 37 हजार 500 रूपये की सहायता राशि का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा समूह बीमा योजना 1 अप्रैल 2020 से लागू किया गया है, जिसमे 18 से 60 वर्ष तक तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवार के मुखिया को छोड़कर परिवार के अन्य पंजीकृत सदस्य की इस योजना के तहत आकस्मिक मृत्यु होने पर 12 हजार रुपये की दावा राशि प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। योजना अंतर्गत जिले में 443 प्रकरणों में 53 लाख 16 हजार रूपये का सहायता राशि प्रदान किया जा चुका है।