भिलाई। CG NEWS : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गुरुवार को भिलाई के जयंती स्टेडियम में आयोजित महिला समृद्धि सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर हमला किया। महंगाई, बेरोजगारी और मोदी सरकार की नीतियों को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि किसान एक दिन में 27 रुपये कमा रहे हैं तो वहीं पीएम मोदी के उद्योगपति दोस्त एक दिन में 1,600 करोड़ रुपये कमा रहे हैं।
सुआ नर्तकों के साथ प्रियंका गांधी ने किया नृत्य
छत्तीसगढ़ में सुवा नाच बेहद लोकप्रिय है। दीपावली के आसपास सुवा को एक टोकरी में रखकर महिलाएं यह नृत्य करती हैं। इसके माध्यम से वे अपने सुखदुख साझा करती हैं। सुवा गीत के माध्यम से वे अपनी आवाज की भी अभिव्यक्ति करती हैं और अपने समय के समाज के बारे में भी बताती हैं। तोते के जैसे हरे वस्त्रों में समूह में किया गया यह नृत्य बेहद आकर्षक होता है। प्रियंका गांधी ने जब यह नृत्य देखा तो वे भी सुआ नर्तकों के साथ समूह में शामिल हो गईं और साथ ही थिरकने लगीं।
स्टालों का अवलोकन किया
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने महिला सम्मेलन में विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया।
पीएम मोदी के पास नहीं है महंगाई बढ़ने का जवाब
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जी-20 सम्मेलन कराया। कोई नहीं कहता कि यह बुरी चीज है। अच्छा है देश का मान सम्मान बढ़ता है। अच्छा है 27 हजार करोड रुपये इन्होंने खर्च किए हैं यशोभूमि को बनाने में। 20,000 करोड़ रुपये इन्होंने नए संसद भवन को बनाने में खर्च किए हैं। वो आठ हजार करोड़ के हवाई जहाज में उड़कर जाते हैं। उन्होंने सिर्फ अपने लिए आठ हजार करोड़ में दो हवाई जहाज खरीदे हैं, लेकिन वह आपको जवाब नहीं दे पाए कि महंगाई क्यों बढ़ी है, आपकी सड़कें टूटी क्यों है, आपको रोजगार क्यों नहीं मिल रहा है?
भिलाई में पड़ी थी आधुनिक भारत की नींव
प्रियंका गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत बम्लेश्वरी मैया और छत्तीसगढ़ महतारी की जयघोष से की। इसके बाद कहा कि आज मुझे यहां आकर बहुत गर्व महसूस महसूस हो रहा है। साल 1955 में नेहरू गांधी ने भिलाई स्टील प्लांट की नई रखी थी। आज भलाई पूरे देश के लिए मिसाल है। यहां पूरे देशभर के लोग एकजुट होकर काम कर रहे हैं। सही मायने में आधुनिक भारत की नींव यही डली थी। यहां आने पर पर सभी को गर्व महसूस होता है। यह देश की एकजुटता और उद्यमशीलता का प्रतीक है।
कहानी की जिक्र करते हुए बताई राजनीति
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी के एक हाथ में छत्तीसगढ़ी संस्कृति की कलश है, तो दूसरे हाथ में विज्ञान और तकनीक का ब्रह्मास्त्र भी है। यहां पर एक अलग तरह की राजनीति हो रही है। मैंने अपने एक अनुभव से देखा कि यह राजनीति क्या है। उन्होंने एक कहानी का जिक्र करते हुए कहा कि मैं 12-13 साल की थी। मेरे मित्र अनोखेलाल अमेठी से आए हैं। जब मेरे पिताजी प्रधानमंत्री थे, तब वो अमेठी गए थे। एक बार उनके साथ मैं भी अमेठी दौरे पर गई थी।
इस दौरान उन्होंने गांव में कुछ लोगों से बातचीत की, उस समय अचानक एक महिला मेरे पिताजी को जोर-जोर से डाटने लगी। इससे मैं डर गई। उसने कहा कि सड़क पर पानी भरा है, कुछ नहीं हो रहा है। यह उसे समय की राजनीति है जब प्रधानमंत्री को एहसास होता था कि जनता क्या चाहती है। मैंने पिताजी से पूछा आपको बुरा नहीं लगा। उन्होंने कहा यह मेरा कर्तव्य है, यह उस महिला का कर्तव्य है कि मुझे याद दिलाए और बताएं कि यहां क्या समस्या है। उस समय की राजनीति और आज की राजनीति में बहुत फर्क है।
यूपी की भाजपा सरकार पर साधा निशाना
प्रियंका गांधी ने कहा कि ‘करीब 40 साल बीत गए और मैं अब बूढ़ी होने वाली हूं। यूपी सरकार और भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि मैं यूपी में काम कर रही थी। एक मोहल्ले में गई थी। इस दौरान एक महिला मिली। मैंने उससे पूछा गैस सिलेंडर है, वो बोली है दीदी खाली पड़ा है, मैंने कहा भर सकती हो, बोली नहीं भर सकती, पैसे नहीं है। मैंने पूछा घर पर काम कौन करता है। वह बोली रोजगार नहीं मिलते आजकल। मोहल्ले में क्या-क्या समस्या है, उसने कहा कि बिजली है पर बिजली लाइट नहीं आती। नल है पर पानी नहीं आता। सड़क है पर खराब है। मैंने पूछा फिर वोट किसको दोगी। वह बोली कि मैं वोट तो उसी विधायक को दूंगी। मैंने पूछा वह तुम्हारे लिए क्या किया है तो उसने जाति और धर्म की बात करने लगी।’
केंद्र सरकार धर्म व जाति के नाम पर जज्बातों से खेल रही
उन्होंने कहा कि तब की राजनीति और आज की राजनीति में बहुत फर्क है। जनता तब भी जागरूक थी और अब भी अभी जागरुक है, लेकिन अब उसके जज्बातों से खेला जा रहा है। धर्म की बातें हो रही हैं, जाति की बात हो रही है और इसमें इनका राजनीतिक इस्तेमाल होता है। उनका राजनीतिक इस्तेमाल इसलिए होता है, क्योंकि जब आपका ध्यान उसे तरफ होते हैं, जहां आपके जज्बात हैं। आपके धर्म, जाति की बात है, तो आप नहीं पूछेंगे कि मेरी सड़क तुमने क्यों नहीं ठीक की, तो आप नहीं पूछेंगे कि मेरे लिए पानी क्यों नहीं आ रहा है, तो आप नहीं पूछेंगे कि मेरे पति के लिए मेरे लिए रोजगार आपने क्यों नहीं दिया। केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि यह एक बहुत बड़ी राजनीतिक साजिश है। लोगों का ध्यान भटकाया जा रहा है, ताकि आप सही सवाल न कर सकें। अफसोस की बात है, लेकिन यही राजनीति चल रही है।