भोपाल। BIG NEWS : मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री और नरेला विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी विश्वास सारंग चुनाव प्रचार की शुरुआत से पहले बुजुर्ग स्वतंत्रता सेनानी से मिलने पहुंचे। जहां बुजुर्ग महिला नारायणी बाई अग्रवाल से आशीर्वाद लिया। इसके साथ ही आइसक्रीम खाते-खाते बुजुर्ग महिला के साथ बैठकर मंत्री सारंग ने स्वतंत्रता की लड़ाई के किस्से भी सुने।
वहीं इस दौरान मंत्री सारंग ने कहा कि आज से हमने प्रचार की शुरुआत कर दी है। हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि भोपाल के ऐसी स्वतंत्रता सेनानी है, जिन्होंने भारत को स्वतंत्र करने में अपना योगदान दिया। उन्होंने कहा कि नारायणी बाई अग्रवाल के पति भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। इन्होंने हमे सौभाग्य दिया कि हम स्वतंत्र भारत में जी सके। इसलिए ऐसे बुजुर्गों के आशीर्वाद से ही चुनाव प्रचार की शुरुआत की है। बता दें कि स्वतंत्रता सेनानी नारायणी बाई अग्रवाल की उम्र 93 वर्ष है। नारायणी बाई को भारत के राष्ट्रपति दो बार सम्मानित कर चुके है।
मंत्री सारंग ने नरेला विधानसभा और एमपी में भाजपा की जीत का दावा करते हुए 150 से अधिक सीटें जीतने का दावा किया है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशियों की लिस्ट में हो रही देरी पर विश्वास सारंग ने कहा कि इतनी आसानी से कहां कांग्रेस की लिस्ट आएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में टिकटों की बोली लगती है। बिना बोली के उम्मीदवार नहीं बनते। जिसकी बोली सबसे ज्यादा वही प्रत्याशी बनता है।
मंत्री सारंग में नरेला विधानसभा और एमपी में भाजपा की जीत का दावा करते हुए 150 से अधिक सीटें जितने का दावा किया है। वहीं कांग्रेस की लिस्ट में हो रही देरी पर मंत्री सारंग ने कहा, इतनी आसानी से कहां कांग्रेस की लिस्ट आएगी, कांग्रेस में टिकटों की लगती है बोली, कांग्रेस में बिना बोली के कोई भी उम्मीदवार नहीं बनते। कांग्रेस में जिसकी बोली सबसे ज्यादा वही प्रत्याशी बनता है।
कमलनाथ के ट्वीट पर मंत्री सारंग का पलटवार, कहा – इज कांग्रेस के संस्कार हैं, इसे दुर्भाग्यपूर्ण और कुछ नहीं हो सकता। राजनीति के प्रतिद्वंदाता में कमलनाथ और किस स्तर तक जाएंगे। जीते जी व्यक्ति का श्राद्ध मानने से ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और कुछ नहीं होगा, यह हिंदू संस्कृति नहीं है। कमलनाथ ने सीएम शिवराज के साथ ही पित्रों का भी अपमान किया है। यह दिन पित्रों को याद और श्रद्धांजलि देने वाले हैं। इटली की संस्कृति में पढ़ने और बढ़ाने वाले कमलनाथ क्या जाने पित्रों का क्या महत्व होता है। कमलनाथ का बयान दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है।