देह मेरी, हल्दी तुम्हारे नाम की सिर मेरा चुनरी तुम्हारे नाम की। मांग मेरी सिंदूर तुम्हारे नाम का माथा, मेरा बिंदिया तुम्हारे नाम की। नाक मेरी नथनी तुम्हारे नाम की गला मेरा। सिर्फ पत्नी ही अपना पूरा अस्तित्व अपने पति में ढूंढती है विवाहित महिलाओं को समर्पित और सुहागिनों के लिये सबसे खूबसूरत और चर्चित इस कविता का यथार्थ महिलाओं के लोकप्रिय त्योहार करवाचौथ व्रत पूजन के साथ नजर आया। अलसुबह से ही नगर की अनेकों महिलाओं ने अपने अखंड सौभाग्य के लिये संकल्प के साथ व्रत रखा। विवाहित महिलाओं का सबसे लोकप्रिय त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी बुधवार को मनाया गया। उत्तर भारत में खास तौर पर करवा चौथ पर्व मनाया जाता है, लेकिन वहां की प्रेरणा से अब अन्य प्रदेशों में ग्रामीण कस्बों की महिलाए भी आस्था उत्साह और समर्पण के साथ करवाचौथ व्रत कर पर्व मनाती हैं
इसी कड़ी में आज गरियाबंद नगर में कार्तिक मास की चतुर्थी पर सुहागिन महिलाओं ने दिन भर उपवास रखकर शाम को बुजुर्ग महिला से कहानी सुनी। वही पति की लम्बी उम्र की कामनाओं के साथ पूजा अर्चना की। इससे पूर्व सुहागिन महिलाओं ने सोलह श्रृंगार कर अपनी-अपनी सुन्दरता को निखारा।दरअसल, महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए निर्जला रहकर करवा चौथ का व्रत रखती है। शाम को विधि विधान से पूजा अर्चना करने के पश्चात चंद्रमा को अर्घ देखकर पति के हाथों से जल पीकर इस व्रत को खोलती है।
करवा चौथ पर गुरुद्वारा परिसर में चौथ माता की पूजा करती महिलाएं।
इंद्रप्रीत कुकरेजा ने कहा- करवा चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य देकर सुहाग की कामना। करवा चौथ पर बुधवार को महिलाओ ने व्रत रखा। इस दौरान उन्होंने चौथ माता का पूजन कर सुहाग की कामना की। रात्रि को चंद्रमा को अर्घ्य देकर पति की लंबी उम्र मांगी। गुरुद्वारे में पूजन के लिए शाम से ही महिलाओ का तांता लगा रहा। करवा चौथ पर चौथ माता की पूजा करती महिलाएं।माता की पूजा अर्चना के लिए महिला श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही । महिलाओं ने चौथ माता की पूजा कर अपने सुहाग की दीर्घायु ,परिवार में कुशल मंगल की कामनाओं के साथ पूजा अर्चना की तथा अमर सुहाग की प्रार्थना की
भक्ति सचदेव ने बताया कि पिछले वर्ष कि तरह इस वर्ष भी वह करवा चौथ का त्योहार मना रही हैं। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी पर्व को लेकर उत्साह एक जैसा बना हुआ है। सरबजीत कुकरेजा कहती हैं कामकाजी महिलाओं के लिए करवा चौथ मनाना थोड़ा मुश्किल जरूर है, लेकिन करवा चौथ का व्रत लेने के लिए वह छुटटी लेती हैं। वहीं आरती रोहरा का कहना है कि समय बदलने के साथ काफी बदलाव आ गया है।अपनी परंपरा और संस्कृति के साथ करवा चौथ को लेकर महिलायें बेहद उत्साहित रहती है
इस अवसर पर ये रही उपस्थित-इंदरप्रीत कौर कुकरेजा,परमजीत कौर कुकरेजा सरबजीत कौर, आरती रोहरा, ग्रीशा रोहरा, भूमिका रोहरा, गीता, सपना, सिया, सांची, सेजल, भक्ति, पुष्पा, महक, प्रीत गुरुनुर