पत्थरचट्टा एक आयुर्वेदिक पौधा है, जिसमें कई औषधीय गुण विद्यमान हैं. कई औषधीय गुणों से भरपूर होने कर कारण इसे कई नामों से जाना जाता है. उदाहरण के तौर पर पाषाणवेद, एयर प्लांट, लाइफ प्लांट, और मैजिक लीफ, हाथी के कान की तरह पत्तियों का आकार होने के कारण इसे एलिफेंट ईयर के नाम से भी जाना जाता है.
प्रोफेसर ललित तिवारी ने बताया कि इस पौधे का उपयोग सदियों से किडनी, पथरी और मूत्र विकार से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता रहा है. इसके साथ ही ये पौधा डायरिया, उल्टी दस्त, मधुमेह के रोगियों के लिए, घाव को भरने में, बैक्टीरिया और फंगस इन्फेक्शन को दूर करने का काम करता है। इस पौधे के पत्तों के रस के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी को भी दूर किया जा सकता है. साथ ही इसका नियमित सेवन ब्लड प्रेशर को काबू रखता है।
गुर्दे की पथरी में भी लाभदायक
प्रोफेसर ललित तिवारी ने बताया कि आयुर्वेद में इस पौधे को गुर्दे की पथरी के लिए रामबाण माना जाता है. अगर इसका काढ़ा बनाकर उसका सेवन किया जाए तो मूत्र समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है. साथ ही गुर्दे की पथरी को भी ये दूर कर सकता है