दीपावाली का यह पावन त्योहार लोगो के लिए ख़ुशियो का त्योहार है, जहां इस त्योहार में लोग नये कपड़े पहनते है पटाखे फोड़ते है वही कुछ ऐसे निर्धन है जो नए परिधान नहीं ख़रीद पाते और बेबस मन से अपने पुराने वस्त्रों में दीपावली त्योहार को मनाते है, लेकिन समाज का एक तपका ऐसा भी है जो चाहता है उन ग़रीबो को भी नये कपड़े नसीब हो और वे सभी दीवपाली का त्योहार नये कपड़ों के साथ ख़ुशियो के साथ मनाये इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए उत्साही व्यासायी इमरान मेमन द्वारा कई बेबसो को चुपचाप नये कपड़े बाट दिये गए और किसी को इस बात का पता तक ना चला इसी प्रकार के एक लाभार्थी ने ख़ुद ज़िक्र करते हुए बताया कि इमरान भाई शाम को घर पहुँचे साथ में कुछ नये कपड़ों के थैलिया लेकर जिनको जो साइज़ थी वो उनके नाप का कपड़ा देकर आगे निकल गए उनके पास ढेर सारे कपड़े थे देखने से ऐसा लग रहा था जैसे बहुत से लोगो को आज नए कपड़े मिलेंगे और अंधेरे में कपड़े बाटते हुए वह निकल गए.
इमरान को इम्मू दिलेर भाईजान क्यू कहते है लोग
इमरान हर वर्ष तिरंगा बाँटता है वही जाड़े की मौसम में कइयो को गरम कपड़े बाँटता है कोरोना काल में जब लोग अपने घर से निकलने से घबराते थे उस विषम परिस्थिति में भी इमरान बस्ती के कई लोगो के घर राशन पहुँचाने का काम करते हम सबने उन्हें देखा है, शायद यही वजह जिसके कारण नगरवासियों में उन्हें इमरान मेमन से इम्मू दिलेर भाईजान का ख़िताब दिया है,
इस दिवाली कुछ ऐसा करे चलो कुछ घरों को रोशन करे- इमरान मेमन
इम्मू ने कहा मैं क्या करता हूँ किसे क्या भेट करता हूँ लोगो मेरे बारे में अच्छा बुरा क्या कहते हैं मेरे बारे में अपनी क्या राय बनाते है शहर में क्या बात होती है इससे मुझे फ़र्क़ नहीं पड़ता मैं तो बस इतना जानता हूँ अपने ख़ुशी के लिए तो हर कोई जीता है पर दूसरो को ख़ुशी देकर उनकी ख़ुशी में शामिल होने पर जो ख़ुशिया मिलती है उस क्षण का कोई मोल नही जब कोई बुजुर्ग या ज़रूरतमंद मेरे सर पर हाथ रखता है मुझे मेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी ख़ुशी मिलती है मैं अपने सभी दोस्तों और नगरवासीयो से अपील करता हूँ एक दिवाली उनके साथ मनाये जो सच में ज़रूरतमंद हो और उनके साथ दिवाली सेलिब्रेट करने से वो अपकों दिल से ख़ुशी और दुआ दे आज भी हमारे आसपास ऐसे कई लोग है जो जिनके ख़ुशियो में हमे शामिल होने की ज़रूरत है