नागेश तिवारी. राजीम : Rajim News : छत्तीसगढ़ के लोक कला संस्कृति परंपरा को बचाने और छत्तीसगढ़ी बोली भाखा संरक्षण में जिला गरियाबंद के लोक कलाकार और साहित्यकारों की अहम भूमिका निभाई जा रही है जो पूरे दस वर्षों का सफर तय कर चुका है।
उल्लेखनीय है कि इसके लिए यहां के कर्मठ ऊर्जावान कलाकार और साहित्यकारों की लगभग 22 लोककला दलों का गठन कर स्वयं चंदा एकत्रित कर लोक कला महोत्सव के आयोजन में विलुप्त हो रही पंथी पंडवानी भरथरी बांसगीत डण्डागीत सुआगीत राऊत नाचा गम्मत और लोक गीत नृत्य का कार्यक्रम प्रस्तुति के अलावा नवोदित और पुराने कलाकारों का सम्मान भी करती है।
सिरजन संगठन के जिला संस्थापक गौकरण मानिकपुरी ने बताया कि उक्त संदर्भ में कल 21 नवम्बर मंगलवार को कोपरा में बैठक रखा गया जिसमें सिरजन महोत्सव दिसम्बर माह के 8तारीख को निश्चित किया गया है जो नगर के स्थानीय बोल बम कांवरिया संघ और जिला सिरजन के संयुक्त तत्वावधान में होना तय किया गया है। जिसकी तैयारी में सिरजन लोक कला एवं साहित्य संस्था के प्रमुख और बोल बम कांवरिया समिति कोपरा के पदाधिकारी जुटे हुए हैं।
इस महती बैठक में कार्यक्रम के संयोजक नारायण साहू, सिरजन के संरक्षक साहित्यकार नूतन लाल साहू, संस्थापक गौकरण मानिकपुरी, अध्यक्ष सेवक ठाकुर ,सचिव यश कुमार साहू, उपाध्यक्ष गंगा बाई मानिकपुरी, कोषाध्यक्ष चैतू तारक, संयोजिका खेम बाई निषाद ,ब्लाक पदाधिकारी में गरियाबंद से गिरवर ध्रुव छुरा से पवन कुमार घृतलहरे, फिंगेश्वर ब्लाक ईकाई प्रमुख तुलेश्वर घृतलहरे सहित अन्य कलाकार प्रमुख में चुम्मन सिन्हा, डगेश्वर यादव, शंभू राम, टोंडरे माखन, लाल खेलावन, पटेल विजय कुमार पटेल, ठाकुर राम साहू, दौलत यादव, नथेल दास मानिकपुरी ,जयसिंह दीवान, यमुना साहू, भादू दास मानिकपुरी ,मणी राम कंवर, लीला बाई कंवर, बिसन कंवर, आदि उपस्थित थे।