गरियाबंद 16 सितम्बर 2020/ छोटी बचत और छोटे कर्ज लेकर किस तरह जिंदगी में बदलाव लाया जा सकता है यह महिला समूह के सदस्यों से सीखा जा सकता है। योजना बनाकर ,छोटी बचतों को बड़ा बनाकर और जरूरत के मुताबिक छोटे कर्ज लेकर बड़े काम किए जा सकते हैं। विकासखंड छुरा के महिला समुहों द्वारा ऐसे ही कार्य सफलतापूर्वक किया जा रहा है। स्वाभाविक तौर पर ना केवल उनकी जिंदगी में बदलाव आया है बल्कि उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में भी आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिल रहा है। चार दीवारी के भीतर चुल्हा चैका में लीन रहने वाली इन महिलाओं की जिंदगी में समूह की ताकत और आजीविका गतिविधियों ने रंग भर दिया है। ऐसे ही मिसाल छुरा विकासखंड के सड़कड़ा गांव की लीना साहू ने किया है वह आज से 4 साल पहले एक अपरिचित नाम थी ,लेकिन जय मां लक्ष्मी समूह से जुड़कर अपनी पहचान कायम की। आज भी सिलाई और कपड़ा दुकान के माध्यम से लाभ अर्जित कर रही है । लीना पहले तो छोटी-छोटी जरूरतों के लिए लगभग 32 हजार रूपये का कर्ज अपने समूह में ही ली और उसे चुकता कर बड़े कर्ज की तरफ आत्मविश्वास से कदम बढ़ाई। उन्होंने अपने दुकान के लिए फ्रीज ,घर के लिए ईंट, जमीन और सिंचाई के लिए बोर और सिलाई मशीन के लिए करीब 4 लाख रूपये का कर्ज भी समूह से ही ली। कपड़ा और सिलाई दुकान का संचालन करते हुए आज एक सफल व्यवसाई बन गई है। उन्होंने बताया कि आज उनकी घर की स्थिति पहले से सुधरी और आर्थिक रूप से सुरक्षित है। इसी तरह ग्राम बोड़रा बांधा की जय घटारानी महिला समूह से जुड़ी श्रीमती बेबी पटेल की कहानी है। उन्होंने पहले तो बच्चों की पढ़ाई और खेती किसानी के लिए 15 हजार रूपये का कर्ज समूह से लिया, फिर गाय पालन और खेती के लिए करीब 3 लाख 75 हजार रूपये समूह से कर्ज लिया। पैसे से उन्होंने अपने खेत में बोर उत्खनन किया और गाय पालन के लिए गाय खरीदी। आज वह 4 एकड़ खेत में जैविक खेती कर रही है ,गाय पालन से दूध बेचकर मुनाफा कमा रही है। उन्होंने बताया कि 15 से 17 हजार रुपये तक प्रतिमाह कमा ले लेती हैं। इसी तरह ग्राम खट्टी की गायत्री यादव द्वारा भी सिलाई कर अपनी आमदनी बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। ग्राम मुरमुरा की अनिता साहू किराना दुकान चलाकर आजीविका सवंर्धन कर रही है। इस तरह अब महिलाएं जो कभी अपने परिवार पर पूरी तरह आश्रित थी ,आज अपनी जिंदगी में आये सकारात्मक बदलाव पर गर्व महसूस कर रहीं हैं। बिहान के मार्गदर्शकों को धन्यवाद ज्ञापित करते नहीं थकते। इस कार्य को आगे बढ़ाने में छुरा विकासखंड की सीईओ सुश्री रुचि शर्मा की व्यक्तिगत रुचि और मार्गदर्शन ने महिलाओं को सम्बल दिया। इसी तरह बिहान के क्षेत्रीय समन्वयक दुर्गेश साहू द्वारा भी समय-समय पर मार्गदर्शन उनके काम आया ।
गरियाबंद- पहले परिवार पर आश्रित थे, आज परिवार की धुरी है सिलाई, खेती, दुकानदारी पशुपालन से सशक्त हुई महिलाएं
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