कोरोना महामारी की वजह से स्कूल बंद हैं। इस वजह से शिक्षा विभाग की ओर से वर्चुअल क्लास, मोहल्ला क्लास और लाउडस्पीकर के माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है। लेकिन आज हम आपको ऐसे शिक्षक से मिलवाने जा रहे हैं। जिन्होंने बच्चों को पढ़ाने का अजीब तरीका निकाला है।जिससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान नहीं होता।
ये हैं कोरिया जिले के अंतिम छोर पर बसे सकड़ा प्राथमिक शाला के शिक्षक रुद्र। जिनका ये अंदाज बच्चों को खूब रास आ रहा है। रुद्र प्रताप सिंह राणा अपनी मोटरसाइकिल में छतरी, सूटकेस में पुस्तक, माइक, घण्टी, ब्लैक बोर्ड लेकर बच्चों को पढ़ाने मोहल्ला क्लास में इसी तरह से रोज पहुंचते हैं। रुद्र प्रताप सिंह प्राथमिक शाला सकड़ा के आसपास गुरच्वापारा, पटेल पारा, स्कूल पारा, बिही पारा, मुहारी पारा में मोहल्ला क्लास आयोजित कर बच्चों में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। रुद्र पेंड्रा मरवाही जिले के लगभग 40 किलोमीटर दूर गांव परासी से बाइक से ही आना जाना करते हैं,वो भी अपने खर्चे पर। रुद्र प्रताप बच्चों के मोहल्लों में पहुंचकर घंटी बजाते हैं। घंटी की आवाज सुनते ही बच्चे उनके पास दौड़े चले आते हैं। और शुरु हो जाता है पढ़ाई का दौर । बच्चे भी रुद्र के पढ़ाई के तरकीब से बेहद खुश नजर आते हैं।
पढ़ाई की अनोखी कला के कारण पूरे क्षेत्र में रुद्र प्रताप छतरी वाले शिक्षक के नाम से मशहूर हैं। रुद्र के मुताबिक जब से मोहल्ला क्लास शुरु हुई है बच्चे बड़ी ही उत्सुकता से पढ़ाई कर रहे हैं।रुद्र प्रताप सिंह के पढ़ाई करवाने के इस तरीके की हर जगह जमकर तारीफ हो रही है। जिला विकास खंड मॉनिटरिंग अधिकारी भी उनकी इस कला के मुरीद हैं। जहां एक ओर कोरिया जैसे छोटे जिले में सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर कई बार सवाल खड़े हुए वहीं दूसरी तरफ रुद्र प्रताप सिंह जैसे शिक्षकों ने अपनी मेहनत और सूझबूझ से शिक्षा की अलख जला रखी है। ताकि अज्ञानता का अंधकार दूर हो सके।
कोरिया से जगजीत सिंह ग्रैंड न्यूज