नई दिल्ली। देश और दुनिया में कोरोना का कहर लगातार जारी है। इस वैश्विक महामारी से उबरने के लिए हर कोई बेताब है, लेकिन ताजा हालात इस बात का समर्थन नहीं करते। वर्तमान परिस्थितियोें में पूरी दुनिया कोरोना के खिलाफ वैक्सीन की तलाश में जुटी हुई है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन के एक बयान से लोगों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। उन्होंने एक बयान में कहा कि सामान्य जीवन में लौटने के लिए 2022 से पहले पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन का मिल पाना मुश्किल है।
स्वामीनाथन ने कहा, डब्लूएचओ की कोवैक्स पहल के तहत आय के अलग-अलग स्तर वाले देशों में न्याय संगत रूप से वैक्सीन पहुंचाने का काम किया जाएगा। इसके लिए अगले साल के मध्य तक करोड़ों डोज तैयार करने होंगे। इसका मतलब हुआ है कि इससे जुड़े सभी 170 देशों या अर्थव्यवस्थाओं को कुछ ना कुछ जरूर मिलेगा।
स्वामीनाथन ने कहा, सभी ट्रायल जो चल रहे हैं, उनमें ज्यादा नहीं तो कम से कम 12 महीने का वक्त तो लगेगा। ये वो समय होगा जब आप देखेंगे कि पहले कुछ सप्ताह में वैक्सीन के कोई साइडइफेक्ट तो नहीं हैं। चूंकि ये एक महामारी है, इसलिए कई रेगुलेटर इमरजेंसी यूज की लिस्ट बनाना चाहेंगे, लेकिन इसके लिए भी मानदंड तय किए जाने जरूरी हैं।