महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार बार फिर उथल-पुथल शुरू हो गई है. मसला 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसले का है. 10 जनवरी की शाम चार बजे विधानसभा अध्यक्ष को इन विधायकों के भाग्य पर फैसला लेना है. यह निर्णय चाहे ठाकरे गुट के पक्ष में हो या फिर शिंदे गुट के. इतना तय है कि इसका प्रभाव सबसे ज्यादा उन 16 विधायकों को पड़ेगा जिन पर अयोग्यता की तलवार लटक रही है
राजनीति के केंद्र में रहने वाली शिवसेना जून 2022 में विभाजित हो गई थी. एक गुट सीएम एकनाथ शिंदे के साथ है तो दूसरा गुट उद्धव ठाकरे को ही अपना नेता मान रहा है. मसला 16 विधायकों की सदस्यता पर फंसा है. ठाकरे गुट की ओर से इनकी सदस्यता रद्द किए जाने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को फैसला करने के लिए कहा है. जो आज यानी 10 जनवरी को इन 16 विधायकों की किस्मत का फैसला करेंगे. इन विधायकों में एकनाथ शिंदे, महेश शिंदे, अब्दुल सत्तार, गोगावाले, संजय शिरसातो, यामिनी जाधव, अनिल बाबरी, तानाजी सावंत, लता सोनवणे, प्रकाश सर्वे, बालाजी किनीकारो, संदीपन भुमरे, बालाजी कल्याणकारी, रमेश बोनारे, चिमनराव पाटिल, संजय रायमुनकरी शामिल हैं।