बलरामपुर जिले के इंदरपुर खोरी गांव की 270 एकड़ सरकारी जमीन बेचने का मामला प्रकाश में आया था। तब से इस मामले की तहकीकात सरगुजा कमिश्नर सरगुजा, आईजी कर रहे थे। जिसमे 34 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था । पुलिस ने अब इस मामले में एक आरोपी की गिरफ्तारी की है। जिसे जेल भेज दिया गया है।
कैसे हुआ था फर्जीवाड़ा?
साल 2015 में बलरामपुर जिले के इंदरपुर खोरी गांव में 270 एकड़ सरकारी जमीन को रायपुर की एक कंपनी को एक करोड़ 18 लाख रुपए में बेच दिया गया था । जिसकी जांच में पाया गया कि 270 एकड़ जमीन का जो पट्टा बनाकर कंपनी को बेचा गया है वो फर्जी है। आरोपियों ने फर्जी राजस्व प्रकरण बनाकर पहले जमीन को अपने नाम में किया और फिर बेच दिया। लेकिन मामले के खुलासे के बाद कलेक्टर ने उक्त जमीन के सभी आदेशों को निरस्त कर इसे शासकीय मध्य में जोड़ दिया था। वहीं आरोपियों ने जिस जमीन की बिक्री कर उसकी रजिस्ट्री करवाई थी उसे भी निरस्त कर दिया गया। इस पूरे मामले में 34 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया । जिसमें आरोपी व्यास मुनि यादव को धारा 420, 468, 469, 471 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। वहीं बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। 270 एकड़ की जमीन के मामले में कुल 34 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज है । लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि आज 5 साल बाद इतने बड़े मामले में सिर्फ एक ही गिरफ्तारी हो पाई है। ऐसे में बाकी 33 आरोपियों की गर्दन पुलिस के शिकंजे में कब आएगी ये देखने वाली बात होगी।