बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे राजनीति में एंट्री लेंगे या नहीं यही सवाल हर कोई पूछ रहा था, अब उसका जवाब अब सामने आ गया है। सबसे चैंकाने वाली बात यह है कि वे एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जिनके पहले की चार पीढ़ी ने स्कूल का मुंह तक नहीं देखा था। खुद झोला पकड़कर स्कूल पहुंचे और अपने परिवार के लिए इतिहास रच दिया।
बीते दिन ही उन्होंने अपने पद से वीआरएस ले लिया। बुधवार को गुप्तेश्वर पांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि मैं चुनाव लड़ूंगा, पर कहां से लड़ना है, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। उनका कहना कि मुझसे कई जिलों के लोग मिलने आ रहे हैं, जिनसे बात कर आगे क्या करना होगा उसपर फैसला करूंगा। इसके अलावा उन्होंने सुशांत केस को लेकर उठ रहे सवालों का भी जवाब दिया।
पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि मैंने बतौर डीजीपी हर किसी के लिए काम किया है, मेरे 34 साल के करियर पर कोई सवाल नहीं खड़ा कर सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत के केस से उनके वीआरएस का कोई लेना-देना नहीं है, मैंने सिर्फ न्याय के लिए ही सुशांत केस के बारे में बात की थी।
राजनीति में एंट्री को लेकर उठ रहे सवालों पर गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि ऐसी बातें वो कर रहे हैं जो मुझे नहीं जानते हैं। उन्होंने कहा कि मैं बिहार की माटी का हूं, किसान का बेटा हूं। मेरे घर में कोई जज नहीं है, कोई कलेक्टर नहीं है और ना ही कोई नेता है। गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि मेरे परिवार में चार पीढ़ी में कोई स्कूल ही नहीं गया, मैं झोला और बोरा लेकर स्कूल जाता था। और स्कूल जाने वाला परिवार का पहला व्यक्ति था। उन्होंने कहा कि मैं संघर्ष करके इस पद पर पहुंचा हूं।