पीएम मोदी ने राजधानी दिल्ली स्थित भारत मंडपम में स्कूली बच्चों के साथ परीक्षा पर चर्चा की। इस दौरान गरियाबंद रायपुर रोड़ स्थित आत्मानंद स्कूल में बच्चे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रहे। कार्यक्रम में कलेक्टर दीपक अग्रवाल एसडीएम विशाल कुमार महाराणा नगर के जनप्रतिनिधि स्कूली स्टाफ़ के साथ कई परिजन भी कार्यक्रम में जुड़े रहे , परीक्षा पे चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत के भविष्य पर चर्चा हो रही है। स्कूली बच्चे भारत का भविष्य हैं। पीएम मोदी ने स्कूली बच्चों से परीक्षा पर चर्चा करते हुए कहा कि आप कोई भी परीक्षा दें बस तनावमुक्त रहें और अपना सबसे बेस्ट देने की कोशिश करें।
उन्होंने कहा कि बच्चों पर खुद का माता पिता का टीचर का दबाव होता है इससे वो बहुत अधिक तनाव में आ जाते हैं। इसके लिए माता पिता और टीचर सभी को मिलकर काम करना होगा और बच्चे को तनाव से मुक्ति देनी होगी और बस उसको पीछे से मोटिवेट करना होगा।
पीएम मोदी ने बच्चों से कहा कि आप खुद को तनाव झेलने के लायक बनाएं। ये संभव है यह अभ्यास से संभव है। पीएम मोदी ने इसको लेकर स्कूली बच्चों को एक उदाहरण भी दिया। पीएम मोदी ने कहा कि कभी कभी हम लोग ऐसी जगह पर यात्रा करते हैं जहां पर ठंड ज्यादा होती है तो पहले से ही हम लोग परेशान होने लगते हैं लेकिन अपने दिमाग को तैयार भी कर लेते हैं।
इसके बाद जब उस इलाके में जाते हैं तो देखते हैं कि अरे जिस ठंड के लिए हम डर रहे थे वहां तो इतनी ठंड है ही नहीं। ठीक इसी तरह परीक्षा होती है। परीक्षा को लेकर भी हम लोग इसी तरीके से डर पाले रहते हैं। जबकि परीक्षा को सामान्य तरीके से लेना चाहिए। पीएम मोदी ने ओमान तथा नई दिल्ली के बुराड़ी स्थित एक स्कूल के छात्रों के प्रश्न के जवाब में कहा कि हमें स्वयं को हर प्रकार के प्रेशर के निपटने के लिए तैयार करना होगा।
छात्रों के सवाल: परीक्षा के दौरान आस-पास के लोगों, सामाजिक और सांस्कृतिक दबाव को कैसे दूर करें?
पीएम मोदी का जवाब: हमे सबसे पहले अपने आप को दबाव को समझना होगा। दबाव अलग-अलग प्रकार के होते हैं। इन दबावों के लिए स्टूडेंट्स, पैरेंट्स और टीचर्स को मिलकर काम करना होगा। मिलकर प्रयास करेंगे तो एग्जाम टाइम में ऐसे प्रेशर से बचे रहेंगे।
परीक्षा की तैयारी में स्वास्थ्य कैसे बनाएं रखें?
लदाख के केंद्रीय विद्यालय की एक छात्रा तथा अरूणाचल प्रदेश की एक शिक्षिका द्वारा पूछे गए पढ़ाई और स्वास्थ्य को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि
छात्रों के सवाल: परीक्षा की तैयारी में स्वास्थ्य कैसे बनाएं रखें?
पीएम का जवाब: जैसे मोबाइल को रिचार्ज करना होता है वैसे ही शरीर को भी रिचार्ज करने की जरूरत होती है। पढ़ाई का मतलब यह नहीं कि और सब कुछ बंद। पढ़ाई के साथ-साथ स्वास्थ्य का भी महत्व है। स्वस्थ मन के लिए स्वस्थ शरीर की आवश्यकता होती है।
नियम से कुछ समय निकाले जब आप सनलाइट ले सकें। समय से सोने की जरूरत होती है। कम नींद स्वास्थ्य के लिए अनुचित है। संतुलित आहार लें। माता-पिता को भी चाहिए कि भोजन का ध्यान रखें। कम खर्च में भी संतुलित आहार उपलब्ध है। इसके साथ ही फिटनेस के लिए छात्रों को कसरत करनी चाहिए।
जीवन में चुनौती और प्रतियोगिता होनी ही चाहिए
पीएम मोदी ने एक अन्य छात्र के द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि जीवन में चुनौती और प्रतियोगिता होनी ही चाहिए।
छात्र का सवाल: पीअर प्रेशर, कॉम्पटीशन से चिंता से कैसे बचे?
पीएम का जवाब: जीवन में चुनौती होनी ही चाहिए। प्रतियोगिता होनी चाहिए लेकिन यह हेल्दी कॉम्पटीशन होना चाहिए। परिवार के रोजमर्रा के जीवन में छात्रों की तुलना का बीज आगे चलकर जहरीला बीज बन जाता है। माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्य अपने बच्चे की किसी से तुलना न करें।
दूसरी तरफ छात्रों को हमें अपने दोस्त से ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए। बल्कि दोनों को एक दूसरे की हेल्प करनी चाहिए। दोनों की ताकत एक दूसरे को जोड़ेगी। दोस्त अपने से अधिक तपस्वी और तेजस्वी चुनने चाहिए और उनसे सीखने का प्रयास करना चाहिए।
पैरेंट्स को कैसे विश्वास दिलाएं कि हम मेहनत कर रहे हैं?
एक द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि माता-पिता में बच्चों को लेकर ट्रस्ट-डिफिसिट आमतौर पर देखने को मिलता है।
छात्रों के सवाल: पैरेंट्स को कैसे विश्वास दिलाएं कि हम मेहनत कर रहे हैं?
पीएम का जवाब: माता-पिता में बच्चों को लेकर ट्रस्ट-डिफिसिट आमतौर पर देखने को मिलता है। इससे बचने के लिए टीचर्स और पैरेंट्स को बहुत एनालिसिस के साथ व्यवहार करना चाहिए।
एक विद्यार्थी होने के नाते जरूर सोंचे कि जो आपने अपने पैरेंट्स को कहा है क्या आप उसका पालन करते हैं। यदि ऐसा करते हैं तो उनका आप पर विश्वास बनेगा।
इसी प्रकार माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों के साथ खुलापन रखना चाहिए। यदि बच्चे को समझ में न आए तो उन्हें हतोत्साहित न करें। सिर्फ अच्छे नंबर लाने वाले छात्र पर ही फोकस न करें। सभी छात्र-छात्रा का आत्मविश्वास बढ़ाएं। उन्होंने माता पिता से कहा कि आप बच्चों से बहुत ज्यादा उम्मीद ना पालें पहले उनको मजबूत बनाएं।उनका जीवन हमारे लिए ज्यादा कीमती है। उन्होंने बच्चों से कहा कि जीवन में प्रतिस्पर्था ना हो तो जीवन चेतना विहिन होता है। पीएम ने कहा कि दोस्त से द्वेष करने की जरूरत नहीं है। बस उससे सीखें कि उसने ऐसा कैसे किया।