सक्ती। CG NEWS : केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा इस साल परीक्षा पे चर्चा 2024 कार्यक्रम आज 29 जनवरी को भारत मंडपम दिल्ली के टाउन हाल फार्मेट में आयोजित किया गया जिसका लाईव प्रसारण देश भर के शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों व बच्चों ने देखा, इसी कड़ में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नवापारा अमोदा वि.ख. नवागढ़ जिला जांजगीर-चांपा के डिजिटल कक्ष में बच्चों व शिक्षकों ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का लाईव प्रसारण देखा।
कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुए राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक राजेश कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि परीक्षा पे चर्चा का यह 7 वां संस्करण रहा जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा को मनोरंजक और तनाव मुक्त बनाने व्यावहारिक सुझा व साझा किए। प्रधानमंत्री से एक छात्र ने सवाल किया कि पढ़ाई के साथ-साथ हमारे लिए व्यायाम और खेल कितना जरूरी है। इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह मोबाइल को इस्तेमाल करने के लिए उसे चार्जिंग और रिचार्ज की जरूरत है, ठीक वैसे ही हमारे शरीर को रिचार्ज करना जरूरी है। स्वस्थ रहना सबसे जरूरी है। अगर हम स्वस्थ नहीं रहेंगे तो परीक्षा में बैठने की सामर्थ्य नहीं होगी। कभी कभी सूर्य के प्रकाश में बैठिए। इसके अलावा नींद को महत्व दें, परीक्षा से पहले अच्छी नींद जरूरी है। इसलिए जब भी मम्मी बोलें सो जाओ तो सोना चाहिए। रील्स पर समय बिगाड़ने से नींद को कम आंक रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों को टिप्स देते हुए कहा कि आजकल लोगों की लिखने की आदत कम हो गई है। हम आईपैड वगैरह पर ज्यादा वक्त बिताते हैं। लेकिन जितना लिखगे उतनी ही अच्छी तैयारी होगी और कान्फीडेंस भी बढ़ेगा। इसलिए आप दिन में जितनी देर पढ़ते हैं उसका कम से कम आधा वक्त नोट्स बनाने में लगाएं। इससे आपको आइडिया लग जाएगा कि परीक्षा में कितनी देर में क्या आंसर लिखना है अगर आपको तैरना आ जाएगा तो पानी में उतरने में डर नहीं लगेगा, ठीक वैसे ही जब आप लिखने की प्रैक्टिस करेंगे तो आपको टाइम मैनेजमेंट आ जाएगा और जाहिर तौर पर परीक्षा परिणाम में इसका असर दिखेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षकों को टिप्स देते हुए कहा कि बच्चों के तनाव को कम करने में शिक्षक की अहम भूमिका होती है। इसलिए शिक्षक और छात्रों के बीच हमेशा सकारात्मक रिश्ता रहना चाहिए। शिक्षक का काम सिर्फ जाब करना नहीं, बल्कि जिंदगी को संवारना है, जिंदगी को सामर्थ्य देना है, यही परिवर्तन लाता है। परीक्षा के तनाव को विद्यार्थियों के साथ-साथ पूरे परिवार और टीचर को मिलकर एड्रेस करना चाहिए। अगर जीवन में चुनौती और स्पर्धा ना हो, तो जीवन प्रेरणाहीन और चेतनाहीन बन जाएगा। इसलिए काम्पटिशन ता होना ही चाहिए, लेकिन हेल्दी काम्पटिशन होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपके दोस्त से आपको किस चीज की स्पर्धा है? मान लीजिए 100 नंबर का पेपर है। आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आय तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए भी 100 नंबर हैं। आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको नहीं है। असल में वो आपके खुद से स्पर्धा करनी है, उससे द्वेष करने की जरूरत लिए प्रेरणा बन सकता है। अगर यही मानसिकता रही तो आप अपने से तेज तरार व्यक्ति को दोस्त ही नहीं बनाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से छात्रों ने सवाल किया कि वो परीक्षा और सिलेबस के प्रेशर को कैसे हैंडल करें। इसके जवाब में पीएम ने कहा कि हमें किसी भी प्रेशर को झेलने के लिए खुद को सामर्थ्यवान बनाना चाहिए। दबाव को हमें अपने मन की स्थिति से जीतना जरूरी है। किसी भी प्रकार की बात हो, हमें परिवार में भी चर्चा करनी चाहिए। लाईव प्रसारण के दौरान प्रधान पाठक भानुप्रताप महाराणा, कन्हैया लाल मरावी, सुरेश कुमार खुंटे, हेमंत कुमार यादव सहित सभी विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।