रायपुर। निजी स्कूलों द्वारा मनमाने रूप से फीस वसूले जाने की शिकायतों के बाद सरकार अब एक बार फिर से नकेल कसने की तैयारी में है। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा इस संदर्भ में आदेश जारी कर दिया गया है। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजे गए खत में निजी स्कूलों द्वारा ली गई फीस की पूरी जानकारी देने कहा गया है। आदेश में विभिन्न बिंदुओं का उल्लेख किया गया है, जिसके आधार पर जानकारियां लोक शिक्षण संचालनालय को भेजी जानी है। इसके साथ ही जिला शिक्षा अधिकारियों को कहा गया है कि कोर्ट के आदेश का पालन सख्ती से अपने जिलों में करवाएं, जिसमें निजी विद्यालयों को सिर्फ ट्यूशन फीस ही लेने कहा गया था।
सूत्रों के अनुसार, पूरे प्रदेश से निजी स्कूलों द्वारा मनमानी की आ रही शिकायतों के बाद यह फैसला लिया गया है। ऑनलाइन क्लास संबंधित सूचना भी निजी स्कूलों को बताना होगा कि शैक्षणिक सत्र 2019-20 में उन्होंने किस मद में कितने छात्रों से कितनी फीस ली थी। इसके अलावा मौजूदा सत्र में किस मद में कितने छात्रों से फीस ली गई है, यह भी बताना होगा। निजी स्कूलों को उन छात्रों की भी सूची देने होगी, जिन्हें फीस नहीं देने के कारण ऑनलाइन कक्षाओं से वंचित किया गया है। जिन छात्रों को स्थानांतरण प्रमाणपत्र स्कूलों द्वारा सौंपा गया है अथवा जिन्होंने स्कूल से टीसी ले ली है, उनकी भी संख्या बतानी होगी।
गौरतलब है कि कोर्ट ने अपने आदेश में निजी स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस की राशि लेने की मंजूरी थी, लेकिन बड़ी संख्या में शिकायतें मिली हैं कि प्राइवेट स्कूल ट्यूशन फीस में अन्य मदों की राशि जोड़ रहे हैं। इस पर निजी स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता का कहना है कि किसी भी छात्र को टीसी नहीं दी गई है। सरकार जो भी जानकारी स्कूलों से चाहती है, वह दी जाएगी। हम पूरी पारदर्शिता बरतेंगे।