बिलासपुर : आधारशिला विद्या मंदिर सैनिक स्कूल में इस वर्ष ओरिएंटेशन प्रोग्राम शिक्षकों व अभिभावकों के मध्य 10 फरवरी को विजयापुरम ब्रांच में आयोजित की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मनोवैज्ञानिक सलाहकार बीफ्यूचरिस्टिक काउंसलिंग सेंटर एंड कंसल्टेंसी की संस्थापक भूमिका गिजारे, आकाशवाणी प्रोग्राम एग्जीक्यूटिव सुप्रिया भारती, डारेक्टर ऑफ मार्क हॉस्पिटल डॉ.कमलेश मोरे, शिक्षाविद रॉबिन पुष्पक उपस्थित रहे। अतिथियों का स्वागत पौधा व स्मृति चिन्ह देकर किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर सरस्वती वंदना द्वारा की गई। डॉ. मोरे ने अपने वक्तव्य में कहा कि जब बच्चे खुद को अपने माता-पिता की नजरों से देखते हैं, तो बच्चे स्वयं के प्रति अपनी समझ विकसित करना शुरू कर देते हैं। आपका स्वर, आपकी शारीरिक भाषा, और आपकी हर अभिव्यक्ति आपके बच्चों पर प्रभाव डालती है। माता-पिता के रूप में आपके शब्द और कार्य उनके संपूर्ण विकास को अधिक प्रभावित करते हैं। पेरेंट्स का ये दायित्व है कि वह अपने बच्चों की सही तरह से देखभाल करें।
अतिथि भूमिका का कहना है कि हम सबको फिजिकल फिट बॉडी तो मिली हुई है पर हमे मेंटल हेल्थ पर विशेष ध्यान देना चाहिए ।आगे उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों की साइबर बुली पर अत्यधिक ध्यान देने की आवश्यकता है पेरेंट्स को ज्यादा से ज्यादा सचेत रहना होगा, साथ ही हेल्दी लाइफ़स्टाइल भी बहुत जरूरी है । सुप्रिया भारती ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अपने प्रतिक्रिया का अनुकृति न करें उन्होंने टीचिंग मेथाडोलॉजी के पांच नियमों का पालन करने की बात कही। तथा उन्होंने कहा कि बिलासपुर में आधारशि ला विद्या मंदिर का सैनिक स्कूल होना हम सबके लिए बहुत सौभाग्य की बात है।
विद्यालय के डायरेक्टर एस के जनास्वामी ने बताया कि यह स्कूल पीपीपी योजना के तहत कार्यरत रहेगा, जिसका पहला सत्र 2024 के अप्रैल माह से प्रारंभ होगा। पहले वर्ष कक्षा 6वीं में भर्ती हेतु ऑल इंडिया सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा के द्वारा ही छात्रों की चयन प्रक्रिया पूरी होगी। यह परीक्षा 28 जनवरी को संपत्र हो चुकी है। इसके अतिरिक्त आधारशिला विद्या मंदिर में नियमित छात्रों की भर्ती हेतु भी कुछ बदलाव हुए है जिसमें अब छात्रों को नियमित किसी भी कक्षाओं में भर्ती हेतु एक एंट्रेंस परीक्षा देनी होगी जिसमें छात्रों को उनके पांच मुख्य विषय संबंधी वैकल्पिक प्रश्नों के उत्तर का चयन करना होगा एवं उसके आधार पर ही उन्हें विद्यालय में एडमिशन मिल पाना संभव हो पाएगा।
इस परीक्षा का प्रथम चरण 4 फरवरी रविवार आधारशिला विद्या मंदिर सैनिक स्कूल कोनी शाखा में सुबह 10 से 12 बजे का समयनिर्धारित किया गया था जिसका पहला पड़ाव सफलता पूर्वक संपन्न हो चुका है। प्रवेश परीक्षा के प्रथम चरण में भारी मात्रा में छात्रों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। छात्रों की भर्ती हेतु परीक्षा के चरण की आगामी तिथि जल्द ही सूचित की जाएगी। विद्यालय के चेयरमैन डॉ. अजय श्रीवास्तव ने कहा कि नए सत्र के कुछ नए नियमों, गतिविधियों व अनुशासन के साथ एक नया परिवेश छात्रों में बहुत ही अच्छे और सकारात्मक सोच व ऊर्जा के साथ साझेदारी होगी। विद्यालय की प्राचार्या आर मधुलिका ने सैनिक स्कूल की विस्तृत जानकारी दी तथा अभिभावकों द्धारा सैनिक स्कूल के बारे में उनकी शंकाओ का निवारण किया। विद्यालय कोऑर्डिनेटर जोशी जोश ने शिक्षण पद्धति, नई शिक्षण नीति व कार्य शैली , सीबीएसई ,विद्यालय के क्रियाकलापों पर प्रकाश डाला।
शिक्षाविद रॉबिन पुष्पक कहना कि अभिभावक व शिक्षक का एक ही लक्ष्य होता है, बच्चों की सफलता अभिभावक शिक्षक और बच्चे की साझेदारी स्कूली प्रक्रिया को समृद्ध और प्रभावी बनाती है। अभिभावक अपने बच्चों के पहले शिक्षक होते हैं।छात्रों के जीवन निर्माण में पालक व शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। शिक्षक का उद्देश्य छात्रों के बौद्धिक, आत्मिक, चारित्रिक, व्यावहारिक गुणों का विकास पर ध्यान केंद्रित करना है, जबकि नई शिक्षा प्रणाली व्यावहारिक शिक्षा आलोचनात्मक तकनीकी शिक्षा प्रणाली आलोचनात्मक तकनीकी प्रणाली पर अधिक केंद्रित है। विद्यालय की शिक्षिका गुरदीश कौर ने टीचिंग मेथाडोलॉजी की जानकारी व एक्टिविटी के द्वारा अतिथियों को प्रभावित किया। विद्यालय के नन्हे मुन्ने बच्चों ने नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी। कक्षा नौवीं के विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक द्वारा अपने देश के सम्मान का करने का संदेश दिया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की शिक्षिका अनन्या दास एवं निवेदिता मजूमदार ने किया। इस कार्यक्रम में विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों के अभिभावकों सहित गैरस्कूली छात्र व अभिभावक तथा शिक्षक शिक्षिकाएँ मौजूद रहे।