मासूम युवतियों के साथ दरिंदगी की हदें आए दिन पार हो रही हैं, कहीं उन्हें जिंदा जलाया जा रहा है, कहीं गला घोंटा जा रहा है, तो कहीं उनकी जीभ काटकर उन्हें लाचार बनाया जा रहा है, पर दरिंदों के खिलाफ सख्ती नहीं हो पा रही है। 14 सितंबर को ऐसी ही एक दर्दनाक वारदात उतर प्रदेश के हाथरस जिले में अंजाम दिया गया, जहां एक युवती के साथ सामुहिक बलात्कार के बाद उसका जीभ काट दिया गया, उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई। जिंदगी और मौत के जंग में आखिरकार उस मासूम ने आज दम तोड़ दिया।
यह है पूरा वाक्या
परिवार के मुताबिक, 14 सितंबर को सुबह-सुबह पीड़िता, उसका बड़ा भाई और मां गांव के जंगल में घास काटने गए थे। जब घास की एक गठरी बंध गई तो बड़ा भाई उसे लेकर घर चला आया। मां और बेटी खेत में अकेले रह गए। मां आगे घास काट रही थी। बेटी पीछे कुछ दूर उसे इकट्ठा कर रही थी। इसी दौरान चारों अभियुक्तों ने पीड़िता के गले में पड़े दुपट्टे से उसे बाजरे के खेत में खींच कर उसके साथ गैंगरेप किया।
उस दिन की घटना के बारे में पीड़िता का भाई बताता है, श्मां ने बहन को आवाजें दी तो उसका कोई जवाब नहीं आया। पहले उन्हें पानी देने के लिए बनाई गई मेढ़ में उसके चप्पल दिखे, फिर बाजरे के टूटे पौधे दिखे तो वो खेत में अंदर गईं जहां बीस मीटर भीतर वो बहुत ही बुरी हालत में बेहोश पड़ी हुई थी। मां चिल्लाई तो कुछ बच्चे आए, उन्होंने उन्हें तुरंत लोगों को बुलाने और पानी लाने भेजा। बच्चे मेढ़ में भरा पानी पॉलीथीन में भरकर लाए। वो उसके मुंह पर डाला लेकिन उसे होश नहीं आया।
वो बताते हैं, मेरी मां और भाई उसे तुरंत थाने गए और तहरीर दी। तब तक ये नहीं पता था कि किसने हमला किया है। कितने लोग थे और उसके साथ क्या हुआ है। पीड़िता के पिता बताते हैं, श्वो दरिंदे खेत के चक्कर लगा रहे थे। लेकिन मेरी बेटी और पत्नी उनके इरादे को भांप नहीं पाए। उन्होंने मेरी बेटी को घात लगाकर शिकार बनाया। उन्हें किसी का डर नहीं था।